Netflix पर रिलीज जान्हवी कपूर की फिल्म ‘गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल’ पर भारतीय वायुसेना की नकारात्मक छवि पेश करने का आरोप लगा है। आपको बता दें कि ये फिल्म वायुसेना की महिला हेलीकॉप्टर पॉयलटम रहीं गुंजन सक्सेना (Gunjan Saxena) के जीवन पर आधारित है। IAF ने फिल्म की स्ट्रीमिंग पर बैन लगाने की मांग की है। पूरे विवाद के बीच अब खुद गुंजन सक्सेना ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। NDTV के लिए लिखे एक ब्लॉग में उन्होंने कहा है कि ‘उन्हें खुद व्यक्तिगत स्तर पर एयरफोर्स के संगठनात्मक स्तर पर कभी किसी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा।’
गुंजन सक्सेना ने कहा, ‘हालांकि दो लोगों की सोच हमेशा एक जैसी नहीं होती, कुछ लोग बदलाव को स्वीकार करते हैं, जबकि कुछ इसे स्वीकार नहीं कर पाते हैं। चूंकि संगठनात्मक स्तर पर भेदभाव जैसी बात नहीं है, इसलिये अलग-अलग महिला अधिकारियों का अनुभव भिन्न-भिन्न हो सकता है। मेरा भी अलग अनुभव रहा है। इसे पूरी तरह से नकारना एक प्रकार की सामंती सोच को तो दर्शाता ही है, साथ ही महिला अधिकारियों की समझ पर भी सवाल खड़े करता।’ गुंजन लिखती हैं कि पिछले 20 सालों में भारतीय वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और भारतीय वायुसेना भी इसे खुले दिल से स्वीकार करती है।
उन्होंने अपने ब्लॉग में आगे लिखा कि ‘एक महिला होने के नाते उन्होंने कुछ लोगों की पूर्वाग्रह से ग्रसित भेदभाव की सोच का सामना किया है, लेकिन ऐसा कभी भी प्रशासनिक स्तर पर नहीं देखने को मिला। मुझे समान रूप से सभी अवसर दिये गये’। आपको बता दें कि ‘गुंजन सक्सेना : द करगिल गर्ल’ पर भारतीय वायुसेना समेत कई लोग आपत्ति जता चुके हैं। वायुसेना ने इस फिल्म के कई संवादों पर आपत्ति जताते हुए केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पत्र लिखा है, जिसमें नेटफ्लिक्स और धर्मा प्रोडक्शन के खिलाफ शिकायत की गई थी।
उधर, फिल्म पर विवाद बढ़ने के बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा भी बहस में उतर पड़ी हैं। उन्होंने कहा है कि इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगनी चाहिए। उनका कहना है कि अगर इस फिल्म में सेना के खिलाफ कुछ भी गलत दिखाया गया है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए और इसके निर्माताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।