90 के दशक के सुपरस्टार गोविंदा आज भी ‘हीरो नंबर 1’ कहलाते हैं। ये मुकाम उन्हें ऐसे ही हासिल नहीं हुआ। गोविंदा ने अपने करियर को ऊंचाइयां देने के लिए खूब मेहनत की है। ऐसे में गोविंदा को खूब नाम दौलत शौहरत मिली। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब गोविंदा को एक भिखारी के सामने लगा कि वह उस भीख मांगने वाली के आगे कुछ भी नहीं हैं।
शो जीना इसी का नाम है में गोविंदा अपनी पत्नी सुनीता के साथ पहुंचे थे। इस शो को उस वक्त सुरेश ओबेरॉय होस्ट कर रहे थे। शो में गोविंदा से पूछा गया कि आपकी मैरिड लाइफ में सबसे मुश्किल दौर कौन सा था? इस पर एक्टर ने बताया कि- मेरी बिटिया रानी का जब हुआ था तब बहुत दुख की घड़ी थी पूरे परिवार के लिए ही। मेरी बेटी लक्ष्मी बहुत वीक थी, वह प्रीमेच्योर थी।
गोविंदा ने आगे कहा- ‘जब उसका ऐसा हो गया तो मैं शूटिंग कर रहा था। जब मैं लौटा तो देखा ये हो गया, मैंने कहा अरे भगवान मेरे से ऐसा क्या पाप हो गया। मेरी मम्मी ने तब मुझे आदेश दिया कि नर्मदा नहीं में उसका सब कुछ किया जाए।’
गोविंदा ने आगे कहा- ‘नवरात्रि का वक्त था। नौंवा दिन था मैं उनको गोदी में ले गया। इत्तेफाक की बात है जब मैं वहां गया तो सड़क में खड़ी क औरत बार बार खिड़की की तरफ से बार बार भीख मांग रही थी, खटका रही थी। तो उसकी गोद में भी एक बच्चा था। मैं इन चीजों में विश्वास नहीं करता, मैं बस भाग्य में विश्वास करता हूं।’
एक्टर आग बोले- ‘उस औरत ने जब तीन चार बार दरवाजा ठोका तो उसकी नजर मेरी गोद में पड़े बच्च पर पड़ी। तब उसने देखते ही अपने बच्चो को गोद में अच्छे से समेट लिया और तुरंत पीछे लौट गई। उस वक्त मुझे ऐसा लगा जैसे मैं भिखारी और ये मालकिन हैं। ये जीवन है। यहां स्टार्डम भी है तो वहीं यहां हकीकत भी दिख जाती है।’