Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पावन पर्व आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमाएं सज चुकी हैं और श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति का स्वागत कर रहे हैं। कई घरों में भी बप्पा की स्थापना हो चुकी है और भक्त आरती एवं मंत्रों से सिद्धिविनायक की पूजा कर रहे हैं।
इस मौके पर यूट्यूब पर अमिताभ बच्चन की आवाज़ में गाया गया श्री सिद्धिविनायक मंत्र और आरती फिर से चर्चा में है। 8 सितंबर 2016 को अपलोड किए गए इस वीडियो को अब तक 207 मिलियन से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं।
टाइम्स म्यूज़िक स्पिरिचुअल पर रिलीज़
यह वीडियो Times Music Spiritual यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है, जिसका निर्देशन मशहूर फिल्ममेकर शूजित सरकार ने किया है। अमिताभ बच्चन की गहरी और सोलफुल आवाज़ इस आरती को दिव्यता और शांति का अनुभव कराती है। वीडियो के विज़ुअल्स और संगीत एक भक्तिमय माहौल रचते हैं, जिससे देखने-सुनने वालों को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक सुख मिलता है।
सुबह की प्रार्थना के लिए परफ़ेक्ट
यह आरती न केवल गणेश चतुर्थी के अवसर पर, बल्कि रोज़ाना सुबह की प्रार्थना में भी बजाई जा सकती है। इसे सुनते ही वातावरण में भक्ति और सकारात्मकता का माहौल बन जाता है।
यहां देखें वीडियो:
गणेश जी का मंत्र
ॐ गं गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति नमो नमः
गणेश जी की आरती सुखकर्ता दुखहर्ता
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता
जय देव जय देव