YouTuber गौरव तनेजा ने Air India Flight 171 की चल रही जांच की टाइमलाइन पर बात की। उन्होंने कहा कि हादसे के 30 दिनों के अंदर एक प्रारंभिक रिपोर्ट आ जानी चाहिए। 12 जून को, Ahmedabad से London जा रही Air India की फ्लाइट टेकऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गई जिसमें 270 लोगों की मौत हो गई। मगर अभी तक इसकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

गौरव तनेजा एक पूर्व कमर्शियल पायलट हैं और उन्हें 10 साल का एक्सपीरियंस है और वो लगातार मामले पर अपनी राय दे रहे हैं। हादसे के कुछ घंटों बाद उन्होंने कहा था कि इसका कारण जो सबसे ज्यादा लग रहा है वो दोनों इंजनों का फेल होना हो सकता है; बाद में उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसमें ह्यूमन एरर भी शामिल हो सकती है।

अब एक नए इंटरव्यू में, उन्होंने सवाल उठाया कि फ्लाइट का ब्लैक बॉक्स अमेरिका क्यों भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह हितों का टकराव है क्योंकि विमान बनाने वाली कंपनी Boeing अमेरिका की है और वहां उसे बहुत पॉवर है। हालांकि ब्लैक बॉक्स को भारत में ही जांचा जाए या विदेश भेजा जाए – इस पर अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा है कि यह इस पर निर्भर करेगा कि ब्लैक बॉक्स की स्थिति कैसी है।

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प्रखर के प्रवचन पॉडकास्ट पर आए तनेजा ने कहा कि उस दिन जो कुछ भी गलत हो सकता था, वह सब गलत हुआ।
उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से टेकऑफ के बाद पायलटस ने गलती से सही इंजन बंद कर दिया, जबकि रनवे पर पहले ही एक इंजन बंद हो चुका था।
उन्होंने एयरलाइन इंडस्ट्री में मौजूदा समस्याओं की ओर भी इशारा किया और यह भी पूछा कि इतने अनुभवी पायलट्स से ऐसी गलती कैसे हो सकती है।
उन्होंने कहा कि पायलटों को अक्सर थकावट की हालत में उड़ान भरनी पड़ती है और ऐसे विमान उड़ाने होते हैं जो सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते।

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फ्लाइट डेटा कैसे रिकॉर्ड होता है, इस पर तनेजा ने बताया:
“दो बॉक्स होते हैं – CVR (Cockpit Voice Recorder) और DFDR (Digital Flight Data Recorder)। जब मैं उड़ान भरता था, तो CVR पिछली दो घंटे की बातचीत रिकॉर्ड करता था। DFDR एक विस्तृत लॉग होता है – पिच, बैंक, रोल, फ्यूल… सबकुछ रिकॉर्ड होता है।”
“ये दोनों बॉक्स मिल गए थे। लेकिन हैरानी की बात ये है कि कहा गया कि ये डैमेज हो गए हैं और भारत में प्रोसेस नहीं हो सकते। इसलिए इन्हें अमेरिका भेजा गया।”

तनेजा ने आगे कहा –
“ये बहुत चौंकाने वाला था क्योंकि विमान Boeing का था। और Boeing अमेरिका की कंपनी है। आपने उसी देश को ब्लैक बॉक्स भेजा, जहाँ उस कंपनी का दबदबा है। ये हितों का टकराव है…”
उन्होंने आगे कहा, “Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) भारत सरकार के अधीन आता है। इसे स्वतंत्र बनाने के लिए कई बार मांग उठ चुकी है, क्योंकि जो संस्था सरकार के अधीन होती है, उसे आसानी से प्रभावित किया जा सकता है।”
तनेजा ने ये भी कहा, “भारत में जो रिपोर्ट्स बनती हैं, वे इस मकसद से नहीं बनतीं कि भविष्य में दुर्घटनाएं रोकी जाएं; बल्कि किसी को बचाने के लिए बनती हैं।”

तनेजा ने Boeing के खिलाफ पहले हुई शिकायतों का ज़िक्र करते हुए कहा:
“अमेरिकी अर्थव्यवस्था Boeing पर निर्भर करती है। यह बहुत बड़ी कंपनी है। कुछ सांसद ऐसे हैं जो पहले Boeing में थे और अब कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में हैं। Boeing के पास ताकत है।”

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कुछ साल पहले Boeing की आलोचना तब हुई थी जब दो 737 Max विमान क्रैश हो गए थे, क्योंकि एक सॉफ्टवेयर अपडेट की जानकारी पायलट्स या एयरलाइन्स को नहीं दी गई थी। तब पूरी फ्लाइट सीरीज़ को ग्राउंड कर दिया गया था, जब तक कि समस्या हल नहीं हो गई।

Indian Express को एक सूत्र ने 20 जून को बताया कि ब्लैक बॉक्स विदेश भेजा जाए या नहीं – इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सूत्र ने कहा,
“AAIB की जांच स्थिर गति से चल रही है, और सभी ज़रूरी सहयोग स्थानीय एजेंसियों से मिल रहा है। साक्ष्य और साइट दस्तावेजीकरण का काम पूरा हो गया है, अब आगे की जांच शुरू हो चुकी है।”
एक सूत्र ने कहा-
“यह ब्लैक बॉक्स की स्थिति पर निर्भर करेगा। अगर जांचकर्ता पूरी तरह आश्वस्त हुए कि बॉक्स की स्थिति सही है, तो वे भारत में ही नए लैब में जांच करना चाहेंगे, विदेश नहीं भेजेंगे।”