बंदे मातरम, छैंया-छैंया, मसक्ली, जय हो जैसे सॉन्ग में अपनी आवाज देने वाले सिंगर और म्यूजिक कंपोजर ए आर रहमान इन दिनों मुश्किलों के चलते खबरों में चर्चा का विषय बन हैं।
दरअसल, ऑस्कर विनर रहमान ईरानी फिल्ममेकर माजिद मजीदी की फिल्म में म्यूजिक देकर मुश्किल में पड़ गए हैं। उनके और मजीदी के खिलाफ मुंबई के एक सुन्नी ग्रुप ने फतवा जारी किया है। उन्होंने रहमान को इस फिल्म में म्यूजिक देने पर उन्हें नापाक करार दिया।
रहमान के साथ ही मजीदी के खिलाफ भी फतवा जारी किया गया है। यह कदम रजा एकेडमी के एक ग्रुप की ओर से उठाया गया है। इस ग्रुप ने मजीदी की फिल्म ‘मोहम्मद: द मैसेंजर ऑफ गॉड’ से मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मोहम्मद साहब की तस्वीर बनाई या रखी नहीं जा सकती है। ये फिल्म इस्लाम का मखौल उड़ाती है।
इतना ही नहीं ग्रुप ने यहां तक कहा कि फिल्म में प्रोफेशनल एक्टर्स ने काम किया है, जिनमें से कुछ गैर मुस्लिम भी हैं। इस फिल्म में काम करने वाले, विशेषकर मजीदी और रहमान, दोनों नापाक हो गए हैं और उन्हें दोबारा कलमा पढ़ना जरूरी है।
आपको बता दें कि सिर्फ ये ग्रुप ही नहीं बल्कि अन्य अरब देशों में भी फिल्म को लेकर बवाल मच गया है। सुन्नियों का सबसे बड़ा संगठन अल-अजहर भी इस फिल्म से नाराज है। 27 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म को ईरान की अब तक की सबसे महंगी फिल्म बताया जा रहा है। फिलहाल इस मामले पर रहमान ने किसी तरह की प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।