केंद्र सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई जारी है। सोमवार को किसानों ने भूख हड़ताल का फैसला किया है। ऐसे में पुण्य प्रसून बाजपेयी का एक ट्वीट सामने आया है। अपने पोस्ट में पुण्य प्रसून बाजपेयी लिखते हैं- ‘साहिब….एक बार पीछे मुड़ कर भी देखे
देश को किसानों कैसे अपनी मेहनत से बनाया और आज सर्द रातों में खुले आसमान तले…..!!’
पुण्य प्रसून बाजपेई के इस ट्वीट के सामने आने के बाद कई लोग उनकी इस बात पर रिएक्शन देते नजर आ। एक यूजर बोला- ‘सोचो!कौन रोकेगा हम मेहनतकशों को जीतने से। शाबाश मेरे किसान कौम के सरदारों! हक तो अब लेके रहवांगे। वैसे भी हमें रात को माइनस डिग्री में खेत और देश की सरहद पर खड़े रहने का अनुभव और ताकत है। हम देश के सबसे मजबूत स्तम्भ हैं।’
एक ने कहा- ‘आज प्रकाशित लेख में किसान बेहाल, नेता मालामाल- 1970 में गेहूं लगभग 76 रुपए क्विंटल था और आज 2020 में करीब 1925 रुपए क्विंटल, यानि लगभग 25 गुना बढ़ोतरी हुई। 1954 से माननीय सांसद 400 रुपए से चले और 2018 से 100000 रूपये तक पहुंच गए हैं। यानि 250 गुना बढ़ोतरी।’ एक ने कहा- ‘किसी को भी दिक्कत ना बिलों से है, ना किसी को मतलब किसान से है, इनकी असली दिक्कत केंद्र में बैठे हिन्दूवादी “प्रधान” से है…!!!’
साहिब….एक बार पीछे मुड़ कर भी देखे
देश को किसानों कैसे अपनी मेहनत से बनाया
और आज सर्द रातों में खुले आसमान तले…..!!— punya prasun bajpai (@ppbajpai) December 13, 2020
एक बोला- ‘ऐ किसान की मांग है, 6 नबंर की मांग पर गौर करो। फिर यह नहीं लिखना देश इन किसानों ने बनाया। देश का बनाने वाला किसान किसान बिल से खुश है और अपने खेत मे देश की व्यवस्था सुचारु रुप से चले उस व्यवस्था मे लगे है।’ एक बोला- ‘नये कृषि कानून से आढ़तियों/ बिचौलियों की मनमानी बंद होगी, किसान को फ़सल की बेहतर कीमत मिलेगी, व कालाबाजारी रुकने से, बाजार में कृषि उत्पाद उचित दाम पर मिलेंगे. इसलिए किसान नहीं, उनका वेष धारण कर, आढ़ती, बिचौलिये, अराजक तत्व व निकृष्ट नेता, कृषि कानून के खिलाफ़ झूठ फैला रहे हैें…।’