देश में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए ‘शार्क टैंक’ शो भारत में भी लॉन्च किया गया है। जिसका नाम Shark Tank India है। इसके दो सीजन सफल रहे और अब टीवी पर तीसरा सीजन आ रहा है। जिसमें छोटे-छोटे शहरों से कई नए-नए युवा बिजनेसमैन अपने आइडिया लेकर आ रहे हैं। कुछ के आइडिया शार्क्स को समझ नहीं आ रहे हैं तो कुछ से खुश होकर शार्क उनके बिजनेस में पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं। बिहार के रहने वाले दिलखुश कुमार भी अपनी टैक्सी सर्विस का आइडिया लेकर शो में आए थे और शार्क्स उनसे काफी खुश हुए।
दिलखुश बिहार के सहरसा गांव के रहने वाले हैं और अब वह Rodvez नाम की कंपनी चलाते हैं। जो वन वे टैक्सी और कारपूल सर्विस प्रोवाइड करती है। इस कंपनी को चलाने के पीछे एक बड़ी कहानी है और इसके नाम का भी अपना एक कारण है। जनसत्ता.कॉम के साथ खास बातचीत करते हुए दिलखुश ने अपने स्ट्रगल और स्टार्टअप के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने ‘शार्क टैंक इंडिया’ को धन्यवाद किया, जो छोटे-छोटे एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
ऐसे आया आइडिया
उन्होंने बताया कि वह शुरू से देखते थे कि बिहार में कहीं आना जाना काफी मुश्किल होता था। अगर किसी को अस्पताल ले जाना होता था तो बड़ी दिक्कत होती थी। केवल जाने के लिए आने-जाने दोनों के पैसे देने पड़ते थे, जो एक आम इंसान के लिए बहुत महंगा पड़ता था। ये देखकर उन्हें आइडिया आया कि इसमें कुछ किया जाए, क्यों न लोगों के बजट में टैक्सी को लाया जाए। साल 2022 में उन्होंने रोजबेज लॉन्च की।
ऐसे पड़ा नाम
कंपनी का नाम है ‘रोडबेज’, इस नाम को लेकर उन्होंने बताया कि वह कंपनी के लिए ऐसा नाम चाहते थे जिसे लोग याद रख सकें। रोडवेज शब्द का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है तो इस नाम के साथ क्रिएटिविटी कर उन्होंने कंपनी का नाम Rodbez रखा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके पिता रोडवेज बस चलाते थे तो इसलिए इस नाम से उनका पुराना नाता है।
ऐसे की थी शुरुआत
दिलखुश ने बताया कि उनकी शादी कम उम्र में हो गई थी और पत्नी की जिम्मेदारी उठाने के लिए वो नौकरी खोजने लगे। लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने टैक्सी चलाना शुरू किया। साल 2016 से 2021 तक उन्होंने टैक्सी चलाई और 2022 में उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया।
खुद डिजाइन की ऐप
दिलखुश की जो ऐप है वो काफी ज्यादा Uber और Ola जैसी है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि दिलखुश ने ये ऐप खुद डिजाइन की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यूट्यूब की मदद से एप डिजाइन करना सीखा और अपनी एप बनाई। दिलखुश ने बताया कि टेक्नोलोजी के प्रति उनके मन में बहुत रुचि है। उन्हें लगता है कि अगर उनके पास टेक्नोलॉजी की समझ है तो वह लाइफ में आगे बढ़ पाएंगे। दिलखुश ने कहा कि किसी भी फाउंडर को हर क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए, चाहे वो मार्केटिंग हो, ब्रैंडिंग हो या टेक्नोलॉजी हो।
रितेश अग्रवाल को भगवान मानते हैं दिलखुश
दिलखुश की पिच से इंप्रेस होकर ओयो के सीईओ रितेश अग्रवाल और शुगर कॉस्मेटिक की वीनिता सिंह ने इन्वेस्ट किया है। रितेश अग्रवाल के बारे में बात करते हुए दिलखुश ने कहा कि वह उन्हें भगवान की तरह पूजते आए हैं और उन्हें नहीं पता था कि इस बार वह भी शार्क हैं। वह बहुत खुश हैं कि रितेश ने उनके बिजनेस में इन्वेस्ट किया है।