मशहूर कवि कुमार विश्वास युवाओं के बीच पॉपुलर हैं। उनकी पॉपुलैरिटी  किसी फिल्म स्टार से कम नहीं है। हाल ही में कुमार विश्वास ने ‘जिंदगी विथ ऋचा’ नामक शो में हिस्सा लिया और खुलकर बातचीत की। कम लोग इस बात को जानते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ राजनीति शुरू करने और बाद में तमाम मुद्दों पर मतभेद होने के बाद अलग होने वाले कुमार विश्वास और दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बचपन के दोस्त हैं। दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि दोनों ने एक साथ पढ़ाई करने के साथ ही एक साथ शादी भी की थी। लेकिन अब दोनों की दोस्ती में दरार पड़ चुकी है।

इंटरव्यू के दौरान कुमार विश्वास ने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ा किस्सा शेयर करते हुए बताया कि, ‘दो ही चीजें ले सकते हैं आप या तो रिश्ते ले सकते हैं या फिर उन रिश्तों को बेचकर आप कुछ ले सकते हैं। मेरे जीवन में ऐसे कई वक्त आए जब मुझे चीजें बेचनी थीं। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। मैंने साफ कह दिया कि मैं रिश्ते नहीं बेचूंगा।’ कुमार ने बताया कि उनकी शादी की सालगिरह थी जहां उनके सारे दोस्त आए हुए थे कुमार ने बिना नाम लिए दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान वो भी पार्टी में अपनी पत्नी के साथ मौजूद थे।

पार्टी से सब लोग जा चुके थे बस वो और मैं बचे थे। इस दौरान मैंने उनसे पूछा कि हम दोनों में झगड़ा हो क्यों रहा है आखिरकार पहले तो ऐसा कभी नहीं होता था। हमने साथ में आंदोलन किया, पार्टी बनाई लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि हमारे विचार इतने अलग हो गए कि हम एक दूसरे को बरदाश्त नहीं कर पा रहे हैं। कुमार ने कहा कि सवाल का जवाब देने के बजाए उसने मुझसे पूछा तू बता कि ऐसा क्यों हो रहा है। मैंने उसे एक उदाहरण के माध्यम से समझाया कि अब तुम्हारे पास ताकत है शायद इसलिए।

इस पर उसने तंज कसते हुए बोला कि यही समझ ले। इस दौरान मेरी पत्नी वहीं पर बैठी हुई खाना खा रही थीं और उसने मेरे दोस्त से कहा कि भाईसाहब ताकत तो सदा नहीं रहती है। जिसपर उसने खाना खाते-खाते बोला पर भाभीजी अभी तो है न बस बहुत है। इसके आगे मैंने उससे कुछ नहीं बोला और जब खाने के बाद उसे बाहर छोड़कर आया तो अपनी पत्नी से कहा कि अब ये उसके साथ हमारी आखिरी मुलाकात थी। मुझे दुख हुआ जब मेरे बचपन का दोस्त ने मुझसे इस कदर बात की। कुमार अपनी बात कहते कहते थोड़ा भावुक हो जाते हैं जिसपर शो की होस्ट उनसे कहती हैं कि क्या आपको कष्ट हो रहा है। भारी मन से कुमार कहते हैं कि बहुत ज्यादा कष्ट हो रहा है।