CineGram: कभी-कभी आपके अंदर टैलेंट कूट-कूटकर भरा होता है मगर जिंदगी मौका ही नहीं देती कि आप उस टैलेंट का सही इस्तेमाल कर सके। ऐसा ही कुछ हुआ था एक एक्टर के साथ जिसकी कहानी हम आज आपको बताने वाले हैं। वो एक्टर बेहद शानदार थे मगर बदनसीब ऐसे कि महज 45 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। हम बात कर रहे हैं दिलीप धवन की। 15 फरवरी साल 2000 में दिलीप की मौत हो गई थी। अपने छोटे से करियर में दिलीप धवन ने 50 से ज्यादा फिल्मों में और कुछ टीवी सीरियल्स में काम किया था। नुक्कड़ सीरियल में गुरु का किरदार निभाने वाले दिलीप धवन को इस रोल के लिए काफी पसंद किया गया था।

दिलीप धवन के पिता कृष्ण धवन भी थे अभिनेता

दिलीप धवन के पिता का नाम कृष्ण धवन था। वे भी एक शानदार एक्टर थे, दिलीप की मृत्यु से 6 साल पहले उनके पिता का निधन हुआ था। उनके पिता का नाम भले ही आपने न सुना हो मगर कई हिंदी फिल्मों में आपने उन्हें देखा है। देवानंद की फिल्म टैक्सी ड्राइवर में भी कृष्ण धवन जी अहम रोल में थे। वहीं फिरोज खान की धर्मात्मा में रेखा के पिता का किरदार कृष्ण धवन जी ने निभाया था।

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एक्टिंग कोर्स करके फिल्मी दुनिया में आए थे दिलीप धवन

दिलीप धवन की बात की जाए तो राजेश खन्ना की फिल्म स्वर्ग में उनके छोटे भाई रवि के रोल में नजर आने वाले दिलीप धवन को बचपन से ही एक्टिंग के शौकीन थे। पढ़ाई पूरी करते ही दिलीप धवन ने एक्टिंग कोर्स किया। उन्होंने एक्टिंग की पढ़ाई फ़िल्म एंड टेलिविज़न इंस्टिट्यूट, पूना से की थी। हालांकि एक्टिंग कोर्स करने से पहले दिलीप धवन ने फिल्म संघर्ष में बाल कलाकार के तौर पर काम किया था। इस फिल्म में बलराज साहनी, दिलीप कुमार व संजीव कुमार जैसे दिग्गज एक्टर्स थे। इस फिल्म में दिलीप धवन ने दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार जी के बचपन का किरदार निभाया था।

लीड हीरो न बन पाने का था दुख

किस्सा टीवी में छपी खबर के मुताबिक एफटीआईआई से दो साल का एक्टिंग कोर्स करने के बाद दिलीप धवन हीरो बनने की चाह लिए मु्ंबई आ गए। यहां उन्हें कोई अच्छी फिल्म नहीं मिली तो वो मॉडलिंग करने लगे। मॉडलिंग से उ्हें फायदा हुआ और फिर निर्देशक सईद अख्तर मिर्ज़ा ने दिलीप धवन को फ़िल्म “अरविंद देसाई की अजीब दास्तान” में लीड रोल निभाने के लिए साइन कर लिया। इसके बाद दिलीप धवन अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है, एक बार कहो, सज़ा-ए-मौत, आगमन, बड़े दिलवाला जैसी कई फिल्मों में नजर आए। हालांकि वो हीरो नहीं बन पाए और कैरेक्टर एक्टर बनकर रह गए। ये दुख उन्हें हमेशा सालता रहा क्योंकि उनकी ख्वाहिश लीड हीरो बनने की थी।

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दिलीप कुमार के फैन थे दिलीप धवन

दिलीप कुमार के बचपन का रोल निभाने वाले दिलीप धवन उनके बहुत बड़े फैन थे। दिलीप धवन को साल 1990 में एक बार फिर दिलीप कुमार के साथ काम करने का मौका मिला। फिल्म का नाम था इज्जतदार और गोविंदा इस फिल्म के हीरो थे। इस बार उन्हें दिलीप कुमार के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका भी मिला।

टीवी सीरियल्स में भी आजमाया हाथ

दिलीप धवन ने इसके बाद कई फिल्मों में काम किया जिसमें तहलका, मदहोश, चौराहा, यश, विरासत, बदमाश, हम साथ साथ हैं आदि शामिल हैं। मगर फिल्मों में सफलता नहीं मिली तो दिलीप धवन ने छोटे पर्दे का रुख किया। टीवी में उन्होंने नुक्कड़ के अलावा पुकार, लोग क्या कहेंगे और नया नुक्कड़ जैसे टीवी शोज़ में वो नजर आएं। मगर यहां भी उन्हें सफलता नहीं हासिल हुई।

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प्रोड्यूसर भी बने दिलीप धवन

दिलीप धवन ने एक फिल्म भी प्रोड्यूस की थी। फिल्म का नाम था साथ-साथ जो साल 1989 में आई थी। इस फिल्म में फारूख शेख और दीप्ति नवल लीड रोल में थे। जगजीत सिंह की गजल तुमको देखा तो ये ख्याल आया इसी फिल्म में थी।

दिलीप धवन ने कभी नहीं की शादी

दिलीप धवन ने शादी नहीं की थी, उनका कहना था कि उन्हें ये सोचने की फुर्सत ही नहीं मिली की उन्हें शादी भी करनी चाहिए। वो कितने पैसे कमा रहे हैं इस पर भी उनका ध्यान नहीं रहता था।

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हार्ट अटैक ने ले ली जान

अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले दिलीप धवन को दिल की बीमारी ने ही छीन लिया। दिलीप का करियर पटरी पर लौट रहा था, उनका काम पसंद किया जा रहा था मगर 15 फरवरी 2000 को उन्हें दिल का दौरा पड़ा। ये इतना तेज था कि उनकी जान नहीं बच सकी और दिलीप धवन हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़कर चले गए।