दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ जब रिलीज हुई थी उस वक्त एक्ट्रेस जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) गई थीं और वहां प्रदर्शन में चुपचाप शामिल होकर उनका सपोर्ट किया था। अब इस पर बात करते हुए फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा है कि दीपिका पादुकोण को शायद पता ही नहीं था कि वो किस चीज़ में शामिल हो रही हैं। आपको याद दिला दें जेएनयू में छात्र उस वक्त विरोध प्रदर्शन इसलिए कर रहे थे क्योंकि कुछ नकाबपोश लोगों ने कैंपस में घुसकर छात्रों पर हमला किया था, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे। दीपिका के इस कदम की उस वक्त काफी आलोचना हुई थी और फिल्म के खराब बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन की वजह भी यही मानी गई थी।
शुभंकर मिश्रा को दिए एक नए इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने इस मुद्दे पर बात की, अग्निहोत्री ने कहा:
“मैं गारंटी दे सकता हूं कि जब दीपिका वहां गई थीं उस वक्त उन्हें जेएनयू की राजनीति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो कहना चाह रहे हैं कि दीपिका ‘बेवकूफ’ हैं, तो अग्निहोत्री ने जवाब दिया:
“ये बेवकूफ होने की बात नहीं है। उन्हें पता होता कि ये कितना संवेदनशील मुद्दा है, तो वो नहीं जातीं।”
जब उनसे कहा गया कि दीपिका को उस एक कदम के लिए आज भी आलोचना झेलनी पड़ रही है, तो उन्होंने कहा:
“अगर आप आग से खेलते हैं, तो जल जाएंगे।”
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हालाँकि, अग्निहोत्री ने यह भी दोहराया कि दीपिका बहुत समझदार हैं, विवेक ने कहा, “मैं उन्हें निजी तौर पर नहीं जानता, इसलिए नहीं कह सकता कि उनकी विचारधारा क्या है। लेकिन इतना ज़रूर जानता हूँ कि वो बहुत समझदार और बुद्धिमान महिला हैं। अगर उन्हें पता होता कि ये एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील जगह है और इससे उनके करियर पर असर पड़ सकता है, तो वो वहां कभी नहीं जातीं। फिल्म प्रमोशन के समय बहुत सारी आवाजें होती हैं जो सितारों को बताती हैं कि क्या करना है, किससे बात करनी है। उनके पीआर की गलती थी, उन्हें लगा था कि ये कोई इवेंट है। लेकिन वो कोई इवेंट नहीं था। इससे भी बड़े लोग राजनीति में पड़कर फंस चुके हैं।”
मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित ‘छपाक’ में दीपिका आखिरी बार लीड रोल में नजर आई थीं। इसके बाद से उन्होंने ज्यादातर बड़े बजट की फिल्मों में सपोर्टिंग कैरेक्टर्स निभाए हैं।
दो साल पहले इंडियन एक्सप्रेस अड्डा पर, निर्देशक मेघना गुलज़ार ने कहा था, “मुझे लगता है ये बात बहुत साफ है कि दीपिका के जेएनयू जाने का असर फिल्म पर पड़ा। इससे फिल्म को नुकसान हुआ क्योंकि जिस बातचीत को मैं आगे बढ़ाना चाहती थी, यानी एसिड अटैक पर बातचीत, वह बातचीत एक अलग दिशा में मुड़ गई। तो हां, इसका फिल्म पर असर पड़ा। इसमें कोई दो राय नहीं है।”