दीपिका पादुकोण इस वक्त दो बड़ी फिल्में छोड़ने को लेकर चर्चा में हैं। खबरों की मानें तो वर्किंग टाइमिंग और सेट पर काम करने की परिस्थितियों को लेकर निर्माताओं के साथ सहमति न होने पर ऐसा फैसला लिया है। सबसे पहले उन्हें संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ में प्रभास के साथ तृप्ति डिमरी से रिप्लेस किया गया, और फिर नाग अश्विन की डिस्टोपियन एक्शन थ्रिलर ‘कल्कि 2898 एडी’ के सीक्वल से हटा दिया गया। मगर ऐसा पहली बार नहीं है कि उन्होंने सेट पर कोई डिमांड की हो, इससे पहले भी ऐसा हो चुका है।
फिल्म इंडस्ट्री को लेकर कहा जाता है कि यहां मेल एक्टर्स को फीमेल एक्टर्स से कई गुना ज्यादा फीस मिलती है। मगर दीपिका ने इस धारणा को भी तोड़ा है। दीपिका ने फीमेल एक्ट्रेस के लिए हमेशा उचित शर्तों की मांग की हो। 2017 में भी, संजय लीला भंसाली की 2018 की ब्लॉकबस्टर पीरियड ड्रामा ‘पद्मावत’ की रिलीज से पहले, दीपिका ने अपने मेल को-एक्टर से ज्यादा पेमेंट की मांग की थी।
एएनआई के अनुसार, दीपिका पादुकोण को ‘पद्मावत’ के लिए 13 करोड़ रुपये दिए गए थे। वहीं बात उनके को-एक्टर्स की करें तो रणवीर सिंह और शाहिद कपूर को लगभग 10-10 करोड़ रुपये दिए गए थे।
यह भी पढ़ें: YRKKH: ‘सिंदूर-मेहंदी की कमी महसूस…’, पति से अलग हो चुकीं लता सभरवाल ने करवाचौथ पर किया पोस्ट, हिना खान की ‘मां’ ने कही ये बात
जब दीपिका से पद्मावत के लिए उनकी फीस के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उस समय एक प्रमोशनल इवेंट में कहा था, “मेरी फीस के बारे में बात करना ठीक नहीं है। लेकिन मुझे मिलने वाले पैसों पर गर्व और भरोसा है। आपको जो मिलता है, उससे आप संतुष्ट रहते हैं। लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि उन्होंने (निर्माताओं ने) एक ऐसी फिल्म में इतना पैसा लगाया है, जिसका पोस्टर मेरे साथ है। इससे मुझे गर्व होता है।”
यह भी पढ़ें: Kantara Chapter 1 Collection: ऋषभ शेट्टी की मूवी ने मचाया गदर, ‘सैयारा’ को पछाड़ 2025 की दूसरी कमाऊ फिल्म बनी ‘कांतारा चैप्टर 1’
उन्होंने आगे कहा, “पैमाने, बजट और संसाधनों के लिहाज से यह एक बहुत बड़ी फिल्म है। हमने अलग-अलग फिल्मों में अलग-अलग तरीकों से महिलाओं के सशक्त किरदारों को पर्दे पर देखा है। मुझे लगता है कि यह (पद्मावत) फिल्मों में महिलाओं के लिए महान उपलब्धियों की शुरुआत है।” उसी साल बाद में, दीपिका ने बताया था कि अपने करियर पर पड़ने वाले संभावित दुष्प्रभावों के बावजूद, वो समान वेतन की मांग करने से नहीं डरतीं।