Dara Singh Birthday दिवंगत एक्टर दारा सिंह फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले कुश्ती के क्षेत्र में एक बड़ा नाम थे। वह एक प्रशिक्षित पहलवान थे, जिन्होंने दुनिया भर में यात्रा की और कई टूर्नामेंट और चैंपियनशिप जीतीं।
देश से बेहद प्यार करते थे दारा सिंह
1954 में, उन्होंने रुस्तम-ए-हिंद टूर्नामेंट जीता और 1968 में उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत और उन्हें यूएस की नागरिकता भी देने की बात की गई, लेकिन वो अपने देश से इतना प्यार करते थे कि उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया। इसी साल जब वो भारत आए तो उन्होंने प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawahar Lal Nehru) को पत्र लिखा और मिलने का अनुरोध किया।
सीमा सोनिक अलीमचंद की पुस्तक ‘दीदारा उर्फ दारा सिंह’ में (Dara Singh) इसके बारे में बताया गया है कि सिंह ने पं.नेहरू (Pandit Jawahar Lal Nehru) को उनसे मिलने के लिए अनुरोध क्यों किया था। दारा सिंह ने 1956 में पं नेहरू को पहली बार देखा था और तभी से वो उनके बड़े प्रशंसक बन गए थे।
इस वजह से जताई थी पं.नेहरू से मिलने की इच्छा
पुस्तक के एक अंश में उल्लेख किया गया है, “उन्होंने मिलने के तीन कारणों का हवाला देते हुए प्रधान मंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखा। पहला ये कि वो उनसे हाथ मिलाना चाहते थे, जिससे वो लोगों को बता सकें कि वो जवाहर लाल नेहरू से मिले हैं। दूसरा, वो उन्हें कॉमन वेल्थ चैंपियनशिप (Common Wealth Championship) के लिए बुलावा देना चाहते थे। और आखिरी ये कि उनके दोस्त, कुश्ती प्रमोटर एम गोगी के कारण जिसका आजीवन सपना प्रधान मंत्री से मिलने का था।
पीएम से मुलाकात में हुई थी ये बातें
पत्र लिखने के एक हफ्ते बाद दारा सिंह को प्रधानमंत्री के दफ्तर से एक कॉल आया और उन्हें बताया गया कि उनकी पीएम के साथ अपॉइंटमेंट है। जब वो पं. नेरहू से मिले तो उन्होंने कहा, “पंडित जी मैं पहलवान दारा सिह, जिसने विदेश तक में अपना नाम बना लिया है। वो जिस भी देश में जाते हैं, उन्हें टॉप बिलिंग मिलती है। परिचय के बाद, पीएम ने सिंह से पूछा कि उन्होंने किन देशों का दौरा किया है और कैसे अन्य देशों के पहलवान भारत के पहलवानों से अलग हैं?”
दारा सिंह के कहने पर नेहरू ने लिया था फैसला
इसपर सिंह (Dara Singh) ने बताया,”वहां, पहलवानों के संघ होते हैं जो उनकी जरूरतों और उनके आहार का ध्यान रखते हैं। लेकिन यहां पहलवानों को खुद ही संभालना होता है।” ये बात सुनकर पीएम ने कहा कि वह देश में पहलवानों की जरूरतों का ख्याल रखने के लिए एक संघ शुरू करें। इसी मीटिंग में सिंह ने पीएम से राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में भाग लेने का अनुरोध किया, जो उस समय देश में हो रहा था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हो सके।
दारा सिंह (Dara Singh Birthday) का जन्म 19 नवंबर, 1928 को एक जाट सिख परिवार में बलवंत कौर और सूरत सिंह रंधावा के घर जन्म हुआ। दारा सिंह को सबसे ज्यादा रामायण में हनुमान के किरदार के लिए याद किया जाता है। उन्हें आखिरी बार इम्तियाज आलिया की फिल्म ‘जब वी मेट’ में देखा गया था। 12 जुलाई 2012 को उनका निधन हो गया।