भारत में कोरोना संक्रमण के हर दिन रिकॉर्ड संख्या में मामले दर्ज़ हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 4.01 लाख नए मामले सामने आए हैं वहीं 4,187 संक्रमितों की मौत हुई है। इस बीच भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद तनाव से गुजर रही है। अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं हैं, दवाइयों की भारी किल्लत है और मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा। ऐसी भयावह स्थिति में भी नरेंद्र मोदी सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है।
प्रोजेक्ट के काम को आवश्यक सेवाओं के तहत रखा गया है ताकि लॉकडाउन में भी काम न रुके जिस कारण यह आलोचना का विषय बना हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ट्वीट कर कहा है कि देश के जो हालात हैं उससे लगता है कि कहीं प्रधानमंत्री आवास को अस्पताल में तब्दील न करना पड़ जाए।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने सेंट्रल विस्टा पर तंज कसते हुए अपने ट्वीट में लिखा, ‘सेंट्रल विस्टा संभले.. कहीं हालात इतने न बिगड़ जाएं कि पीएम निवास और राष्ट्रपति भवन को भी अस्पताल में तब्दील करना पड़ जाए।’ पत्रकार के इस ट्वीट पर कई यूजर्स भी अपनी राय दे रहे हैं। स्टे होम स्टे सेफ नाम से एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है, रोक दिया गया तो निर्माण की लागत कई गुना बढ़ जाएगी।’
सेन्ट्रल विस्ता….संभले
कहीं हालात इतने ना बिगड़ जाये
पीएम निवास व राष्ट्रपति भवन को भी अस्पताल में तब्दील करना पड़ जाये…— punya prasun bajpai (@ppbajpai) May 8, 2021
अवनीश गर्ग नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘मेरे शब्दों की गांठ बांध लीजिए, ये आदमी कभी भी सेंट्रल विस्टा में प्रवेश नहीं कर सकेगा। आम लोगों की बद्दुआ लगेगी।’ वहीं काफिर नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘देश के नए संसद भवन से आखिर आपको इतनी तकलीफ क्यों हैं?’
आशीष मिश्रा नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘सुझाव सही है बाजपेयी साहब..राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री निवास, मंत्रियों के गेस्ट रूम इन सबको अस्पतालों में परिवर्तित कर दें। अस्पताल की किल्लत खत्म..BSMS, BHMS डॉक्टर्स का इस्तेमाल करें।’
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के महात्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय के साथ पूरे राजपथ को री- डेवलप किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में 20 हज़ार करोड़ से अधिक की लागत आएगी।

