साल 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी तब बीजेपी महंगाई, भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का एक भी मौका नहीं गंवाती थी। मनमोहन सिंह सरकार को बीजेपी कमज़ोर सरकार बताती थी। उस वक्त नरेंद्र मोदी जो प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे, उन्होंने कहा था कि देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है। उन्होंने उस दौरान एक ट्वीट किया था जिसे शेयर कर अब यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने तंज़ किया है।

दरअसल नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि मोदी कोई मायने नहीं रखते बल्कि वो तो वापस जाकर अपनी  चाय की दुकान खोल सकते हैं। उनका यही ट्वीट शेयर करते हुए श्रीनिवास बी वी ने लिखा, ‘सहमत! चले जाओ मोदी जी। ये देश अब और नहीं झेल सकता।’

2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 29 अप्रैल को किए गए ट्वीट ने नरेंद्र मोदी ने लिखा था, ‘भारत को एक मजबूत सरकार की जरूरत है। मोदी मायने नहीं रखता। मैं तो वापस जाकर अपनी एक चाय की दुकान खोल लूंगा। लेकिन अब देश और नहीं झेल सकता।’

 

 

कांग्रेस नेता के ट्वीट पर यूजर्स की भी प्रतिक्रिया मिल रही है। जोसेफ नाम के एक यूजर ने श्रीनिवास को जवाब दिया, ‘बिलकुल सही, मोदी जी प्लीज वापस जाओ और अपने असली चाय को असली स्टेशन पर बेचो। प्रशासन कांग्रेस के मजबूत हाथों में सौंप दो और जाओ।’

नॉक्टर्नल नाम के ट्विटर हैंडल से श्रीनिवास को जवाब दिया गया, ‘भाई, अगर कांग्रेस सच में सत्ता में आना चाहती है तो पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का विरोध शुरू करे और अपने शासन वाले राज्यों में तेल के दाम कम करे। एक विपक्ष के रूप में अपना बेहतर काम दिखाए। अगर विपक्ष में कोई और पार्टी होती तो पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के लिए सत्ताधारी पार्टी को रिजाइन करना पड़ गया होता।’

 

पंटीनेशनल नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘पैसा नहीं है तो क्राउड फंडिंग करके वर्ल्ड क्लास टी स्टॉल हम बनवा देंगे।’ यूजर के इस जवाब पर Maz नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘भैया, चाय बनाना भी आना चाहिए पीएम को।’

डीजे सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘मोदी सत्ता का स्वाद चखकर बदल गए हैं। वो अब खुद से नहीं जाएंगे।’ नीरज नाम के एक यूजर ने मोदी के पुराने ट्वीट पर तंज़ कसते हुए लिखा, ‘मजबूत सरकार जो लोगों को कमज़ोर बना सके..आर्थिक रूप से उन्हें पंगु बना दे..उन्हें पैसे कमाने और नौकरियां ढूंढने में व्यस्त रख सके ताकि लोग ये सोच तक न पाएं कि उनके आस-पास क्या चल रहा है।’