कृषि कानूनों के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के काफिले पर शुक्रवार को कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। राकेश टिकैत राजस्थान के अलवर में एक सभा को संबोधित कर वापस लौट रहे थे तभी उनके काफिले पर ततारपुर चौराहे के पास हमला किया गया। इस हमले का आरोप राकेश टिकैत ने बीजेपी पर लगाया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कारवाई की बात की है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को पकड़ा है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
राकेश टिकैत के काफिले पर हमले को लेकर राजनीतिक विश्लेषक और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने टिप्प्णी की है। आचार्य प्रमोद ने अपने ट्विटर पर इस मसले को लेकर कई ट्वीट्स किए हैं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के राज्य में राकेश टिकैत पर हमला कुछ समझ में नहीं आता। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘अशोक गहलोत की सरकार में राकेश टिकैत पर हमला, कुछ समझ में नहीं आता। कौन किसके साथ है और कौन किसके खिलाफ।’
आचार्य प्रमोद के इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सोदान गुर्जर नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘राजस्थान में अशोक गहलोत बीजेपी और वसुंधरा राजे के साथ है। पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला और अब राकेश टिकैत पर हमला गहरी सोच का विषय है।’
अशोक गहलोत की सरकार में राकेश टिकैत पर हमला,समझ में नहीं आता “कौन” किसके साथ है और कौन “किसके” ख़िलाफ़. @RakeshTikaitBKU @ashokgehlot51
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) April 2, 2021
एक राष्ट्रभक्त नाम के यूजर ने लिखा, ‘पहले भाजपा एमएलए की सुरक्षा न कर पाने के कारण पंजाब की कांग्रेस सरकार नकारा साबित हुई और अब राकेश टिकैत की सुरक्षा न कर पाने के कारण राजस्थान की सरकार। हिम्मत है कांग्रेस से सवाल करने की?’
रिजवान मलिक नाम के यूजर ने सवाल किया, ‘यही सवाल तो हम भी पूछ रहे हैं कि आखिर कौन सी दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही है। हो सकता है राकेश जी ने कांग्रेस की किसी मदद से इंकार कर दिया हो? क्या राकेश टिकैत को कांग्रेस अपने दबाव ने लेना चाह रही है?’
आचार्य प्रमोद ने एक और ट्वीट कर कहा है कि राकेश टिकैत के सुरक्षा की जिम्मेदारी तो राज्य सरकार की थी। उन्होंने अशोक गहलोत के ट्वीट, जिसमें उन्होंने राकेश टिकैत पर हमले की निंदा की है, को शेयर करते हुए लिखा, ‘सुरक्षा की जिम्मेदारी तो राज्य सरकार की थी, ये तो मॉब लिंचिंग है। सवाल सीजर की मौत का नहीं, ब्रुटस का है, जिसे पहचान पाना मुश्किल है।’