अर्जुन रामपाल की डैडी के साथ ही 8 सिंतबर को सनी, बॉबी और श्रेयस की फिल्म पोस्टर ब्वॉयज रिलीज हुई थी। यह फिल्म शुक्रवार को ज्यादा कमाई करने में नाकामयाब रही। यह फिल्म मराठी फिल्म पोस्टर ब्वॉयज का हिंदी रीमेक है। इसी फिल्म के जरिए श्रेयस तलपड़े ने डायरेक्शन में डेब्यू किया है। चार सालों बाद सनी और बॉबी देओल स्क्रीन पर साथ नजर आ रहे हैं। दोनों एक्टर्स का उत्तर भारत में काफी अच्छा फैन बेस है, जिसकी वजह से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में फिल्म अच्छा प्रदर्शन करेगी। ओपनिंग डे पर फिल्म केवल 1.75 करोड़ रुपए की कमाई कर पाई थी। जबकि उम्मीद थी कि फिल्म पहले दिन 2 से 3 करोड़ रुपए का बिजनेस कर लेगी।
उम्मीद है कि फिल्म वीकेंड पर बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन करेगी क्योंकि इसकी शुरुआत काफी धीमी हुई है। ड्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा- बॉक्स ऑफिस ज्यादातर नई फिल्मों के लिए उसी तरह के पैटर्न को फॉलो कर रहा है। शुक्रवार सुबह/ दोपहर दोनों ही उदासीन रहे। अगर फिल्म को अच्छा मेरिट मिलता है तो शाम को इसमें बढ़त हो सकती है। अपने दूसरे ट्विट में उन्होंने लिखा- इस शुक्रवार कोई अपवाद नहीं है। पोस्टर ब्वॉयज और डैडी और दूसरी फिल्मों ने धीमी शुरुआत की। उम्मीद करते हैं कि दिन के खत्म होने से पहले सकारात्मक बदलाव दिखे। अभी भी पिछले हफ्ते रिलीज हुई फिल्में बादशाहो और शुभ मंगल सावधान लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं।
#PosterBoys shows an upward trend on Day 2… Witnesses 37.14% growth… Fri 1.75 cr, Sat 2.40 cr. Total: ₹ 4.15 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 10, 2017
BO following similar pattern for *most* new films… Fri morning/noon = lukewarm… Biz picks up towards evening if film rich in merits…
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 8, 2017
बॉलीवुड कॉमेडी को फॉलो ना करते हुए तलपड़े ने अपने सब्जेक्ट को काफी गंभीरता से विचार करने वाला बनाया है। फिल्म के लेखक को क्रेडिट देना चाहिए जिसने की हिंदी रीमेक में स्थानीय भाषा को डाला है। सबसे ज्यादा आपको देओल भाईयो की जुगलबंदी पसंद आएगी जो फिल्म में अपने कभी ना दिखने वाले अवतार में नजर आ रहे हैं। फिल्म का बिजनेस रविवार को ऊपर जा सकता है क्योंकि इस फिल्म को माउथ टु माउथ पब्लिसिटी का फायदा मिलने की उम्मीद है।
This Friday is no exception… #PosterBoys, #Daddy, other new films start slow… Here's hoping there's a +ve turnaround before day ends.
— taran adarsh (@taran_adarsh) September 8, 2017
फिल्म की कहानी एक गांव के तीन ऐसे लोगों की है जो अपनी साधारण सी जिंदगी में छोटी-छोटी चीजों के बीच खुश होते हैं। अचानक एक सुबह जागने पर उनके लिए दुनिया जैसे बदल सी जाती है। हर शख्स उन्हें एक अलग नजर से देखने लगता है। यह होता है गांव भर में लग चुके नसबंदी के पोस्टर्स के चलते जिन पर इन तीनों की तस्वीरें छपी होती हैं।