हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज एक्टर राज कुमार आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन, अपने जमाने के रौबदार एक्टर रहे हैं। वो फिल्मों में अपनी शर्तों पर करते रहे हैं। उनका रुआब ऐसा था कि प्रोड्यूसर और डायरेक्टर तक उनसे खौफ खाते थे। यहां तक कि एक्टर्स तक उनका नाम सुनकर फिल्म छोड़ देते थे। किस्सा ऐसा भी रहा है कि फिल्म हिट हो या फ्लॉप वो मुंह मांगा पैसा ही लेते थे। उनका मानना था कि उन्होंने अपना 100 प्रतिशत दिया है। फिल्म चले या ना चले इसकी जिम्मेदारी नहीं। राज कुमार ने ‘पाकीजा’, ‘सौदागर’, ‘तिरंगा’ और ‘नील कमल’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। ऐसे में आज हम आपको उनसे और रामानंद सागर से जुड़ा किस्सा बता रहे हैं। जब एक्टर ने उनकी बुरी तरह से बेइज्जती कर दी थी।

दरअसल, ये किस्सा साल 1968 में आई फिल्म ‘आंखें’ से जुड़ा है। इस मूवी में धर्मेंद्र ने लीड रोल प्ले किया था। ये धर्मेंद्र के करियर की सफल फिल्मों में से एक रही है। लेकिन, बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि इस फिल्म के लिए रामानंद सागर की पहली पसंद धर्मेंद्र नहीं बल्कि उनके अजीज मित्र राज कुमार थे। उन्होंने सबसे पहले इसकी कहानी राज कुमार को सुनाई थी। पहले वो उन्हें ही साइन करना चाहते थे लेकिन, राज कुमार का तो स्वैग ही अलग था तो उन्हें वो स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई।

कुत्ते को सुनाई स्क्रिप्ट

खैर, पसंद आना और ना आना अलग बात थी। लेकिन, उन्होंने तो रामानंद सागर की बुरी तरह से बेइज्जती तक कर दी थी। ऐसा कहा जाता है कि दिवंगत अभिनेता ने अपने पालतू कुत्ते को बुलाया और उसके सामने फिल्म की कहानी सुनाने लगे फिर जब इसकी स्टोरी खत्म हुई तो उन्होंने कुत्ते से पूछा कि क्या तुम इस फिल्म को करोगे? इसके बाद राज कुमार ने रामानंद सागर से कहा, ‘देखो मेरा कुत्ता भी इस फिल्म में काम नहीं करना चाहता है।’

धर्मेंद्र की चमकी किस्मत

वहीं, रामानंद सागर को राज कुमार की ये बात बहुत ही बुरी लग गई और वो वहां से चले गए। इसके बाद दोनों ने फिर कभी साथ काम नहीं किया था। साल 1968 में रिलीज हुई इस फिल्म में रामानंद सागर ने धर्मेंद्र को कास्ट किया और ये सिनेमाघरों में हिट रही। फिल्म की हिट के साथ ही धर्मेंद्र का करियर भी चल पड़ा। वो सुपरस्टार बन गए। ये फिल्म उनके करियर की सफल फिल्मों में से एक गिनी जाती है।