राजेश खन्ना की फीमेल फैन फॉलोइंग के बारे में कौन नहीं जानता। मगर उनकी पर्सनल लाइफ में काफी उथल पुथल रही, लव लाइफ के मामले राजेश खन्ना की किस्मत खास नहीं थी। उन्होंने अपनी से आधी उम्र की डिंपल कपाड़िया से शादी की थी, जिनसे उनकी दो बेटियां भी हैं। मगर शादी के दस साल भी पूरे नहीं हुए थे और दोनों अलग हो गए। हालांकि अपनी जिंदगी के आखिरी कुछ साल राजेश खन्ना ने अपनी कथित एक्स गर्लफ्रेंड अनीता आडवाणी के साथ भी बिताए। साल 2013 में दिए इंटरव्यू में अनीता आडवाणी ने कहा था कि राजेश खन्ना जैसे शख्स के साथ रहना आसान नहीं था।
अनीता ने कहा था कि राजेश खन्ना शराब पीने के बाद काफी बुरा बर्ताव करते थे और उन्हें हर्ट भी करते थे, मगर जब वो शराब के नशे में नहीं होते थे वो बहुत अच्छे इंसान होते थे। अनीता ने बताया था कि जब राजेश खन्ना नशे में होते थे तो वो उनसे बिल्कुल बहस नहीं करती थीं। रेडिफ के साथ बात करते हुए अनीता ने कहा था, “वो एक ऐसे इंसान थे जिनके साथ रहना मुश्किल था। एक या दो ड्रिंक के बाद, वो रूड हो जाते थे। उन्हें संभालने के लिए आपको उनके मूव्स जानते होते थे। मैंने उनसे निपटना सीखा, पहले तो मैं उनसे लड़ती-झगड़ती रहती थी, लेकिन उन्होंने मुझे समझा दिया, उन्होंने मुझसे कहा, ‘अगर मैं गलत भी हूं तो चुप रहो।”
किसी भी बात से नाराज हो जाते थे राजेश खन्ना
अनीता ने कहा कि राजेश खन्ना को नाराज होने के लिए कोई कारण की जरूरत नहीं होती थी। “उन्हें कुछ भी बुरा लग सकता था, उन्हें गुस्सा होने में समय नहीं लगता था, उसका कारण चाहे बड़ा हो या ना हो। बहुत कठिन था उनके साथ रहना।” अनीता ने ये भी बताया कि शराब पीने के बाद वो उन्हें नुकसान भी पहुंचाते थे।
अनीता ने आगे कहा, “जब वो पी लेते थे तो कभी-कभी मुझे चोट भी पहुंचाते थे। लेकिन जब वो पिए हुए नहीं होते थे तो साथ रहने के लिए वो सबसे अच्छे इंसान थे। वो मेरी पसंद थे, मुझे इसका कोई पछतावा नहीं है।” इसके साथ ही अनीता ने बताया कि वो क्या समय था जब वो बहुत बुरे बन जाते थे। “बुरा समय शाम 6:30 बजे से था जब उसने शराब पीना शुरू किया, रात के खाने के समय तक। वो 9 या 9:30 बजे सो जाते थे।”
इसी बातचीत में अनीता ने कहा, “सुबह करीब 3 बजे वो उठते थे और बहुत अच्छे मूड में होते। वो हंसते थे, बात करते और सिगरेट पीते थे। मैं जो कुछ भी चाहती थी उन्हें बताती थी और उस समय वह सुनते थे और बात करते थे। हम सुबह 3 बजे ड्राइव के लिए निकलते थे – जुहू या सिटी में। लौटने के बाद वो फिर सो जाते थे और 7:30 बजे चाय के लिए उठते थे और हर सुबह मेरे लिए भी एक कप चाय लाते थे।”
अनीता ने ये भी शेयर किया, “उन्हें अपने आस-पास लोगों की कमी खलती थी। हम सभी लाइटें जला देते थे और टेलीविजन चालू कर देते थे और सो जाते थे क्योंकि वह महसूस करना चाहते थे कि लोग आसपास हैं।”