CineGram: राजेश खन्ना की साल 1969 में आई फिल्म ‘अराधना’ ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया था। ये ही वो वक्त था जब उनके और अंजू महेंद्रू के अफेयर की चर्चा होने लगी थी। हर अखबार में दोनों के प्यार लेकर खबरें आने लगी थी। हालांकि ये ज्यादा दिन नहीं चल पाया और दोनों अलग हो गए। राजेश खन्ना के जीवन पर यासीर उस्मान की किताब, ‘राजेश खन्ना: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज फर्स्ट सुपरस्टार’, में दोनों के रिश्ते को लेकर काफी कुछ बताया गया है।

अंजू खुद एक मूवी स्टार थीं और आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थीं, मगर राजेश खन्ना से प्यार करना उन्हें अपने सपने पूरा करने से रोक रहा था। वो नहीं चाहते थे कि अंजू फिल्मों में काम करें और अंजू ने उनके लिए सब छोड़ दिया। किताब में अंजू ने इस बात का जिक्र किया है।

राजेश खन्ना और अंजू तकरीबन 7 साल तक लिव इन रिलेशनशिप में थे। जब दोनों अलग हुए तो ये खबर अखबारों की हेडलाइन बन गई। राजेश खन्ना का स्टारडम उनके रिश्ते के टूटने का कारण था। यासिर उस्मान की किताब में लिखा है कि राजेश खन्ना ने साल 1971 में अंजू से शादी के लिए प्रपोज किया था, लेकिन अंजू ने मना कर दिया था। इसके बाद अंजू ने  मशहूर क्रिकेटर गैरी सोबर्स से सगाई कर ली, लेकिन वो रिश्ता भी नहीं टिक पाया।

अंजू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि राजेश खन्ना के साथ हो रही अनबन के चलते उन्होंने गैरी से अफेयर किया था और सगाई कर ली थी। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ और राजेश खन्ना के घर से ही उन्हें फोन कर सगाई तोड़ दी थी।

इसके बाद राजेश खन्ना काफी पजेसिव हो गए थे और बात-बात पर शक करने लगे थे। ये रिश्ता भी नहीं चला और फिर राजेश खन्ना ने डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली। बताया जाता है कि राजेश खन्ना ने अंजू को दिखाने के लिए बारात भी उनके घर के सामने से निकाली थी। राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की शादी भी नहीं चली और दोनों एक दूसरे से अलग रहने लगे। इसके बाद फिर अंजू और राजेश खन्ना एक साथ आए और मरते दम तक राजेश उन्हीं के साथ थे।

आखिरी समय पर अंजू का थामा था हाथ

खन्ना की मृत्यु के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि जब उन्हें राजेश खन्ना के निधन के बारे में पता चला था तो उनके मन मे अंजू का ख्याल आया था। वह जानते थे कि इस वक्त सबसे ज्यादा दुखी वो ही होंगी। महेश भट्ट ने कहा कि उन्हें पता चला कि राजेश खन्ना के जीवन के अंतिम सालों में अंजू उनके साथ थीं और उनके इलाज और दवा का ख्याल रख रही थीं। उन्हें अस्पताल भी अंजू ही लेकर जाती थीं। भट्ट ने बताया था कि जिस वक्त राजेश खन्ना ने अंतिम सांस ली, उस वक्त भी उन्होंने अंजू का हाथ पकड़ा हुआ था।

मुमताज ने कही थी ये बात

टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ इंटरव्यू में मुमताज ने भी राजेश खन्ना और अंजू महेंद्रू के रिश्ते के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया था कि कैसे अंजू, राजेश खन्ना की देखभाल करती थीं और यहां तक कि उनके खाने का भी ध्यान रखती थीं। मुमताज ने कहा कि जब राजेश और अंजू अलग हुए तो उन्हें यकीन नहीं हुआ।