CineGram: पॉलीटिशियन और एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने हाल ही में अपनी फिल्में और अन्य एक्टर्स को लेकर ढेर सारी बातें की हैं। उन्होंने 1985 में आई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ को लेकर बताया कि इस फिल्म के लिए मेकर्स की पहली पसंद वो थीं, लेकिन उनकी उम्र कम होने के कारण ये फिल्म उनके हाथ से निकल गई थी। इसके बाद फिल्म मंदाकिनी की झोली में आई।

विकी लालवानी के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में खुशबू ने शेयर किया कि उन्होंने फिल्म के लिए एक फोटो शूट भी कराया था। हालांकि, वो उस वक्त केवल 14 साल की थीं, ऐसे में उस रोल के लिए उन्हें बहुत छोटी समझा गया और बाद में उनकी जगह मंदाकिनी ने ले ली।

इसके बारे में बात करते हुए खुशबू ने कहा, “राज कपूर मुझे ‘राम तेरी गंगा मैली’ में लॉन्च करना चाहते थे। हमने इसके लिए एक फोटो शूट भी किया गया था। उन तस्वीरों को देखने के बाद राज कपूर ने कहा था, ‘ये मेरी गंगा है।’ प्लान पहले गंगोत्री शेड्यूल खत्म करने का था, लेकिन उस समय बर्फबारी हो रही थी, इसलिए उन्होंने पहले कोलकाता में शूटिंग करने का फैसला किया, जहां वेश्यालय का सीन दिखाया गया था। फिल्म के इस सेगमेंट में कैरेक्टर पहले से ही एक बच्चे की मां है।”

इस कारण हाथ से निकली फिल्म

खुशबू ने बताया कि उस वक्त वो 14 साल की भी पूरी नहीं थी और उन्हें मां के किरदार में दिखाना राज कपूर को ठीक नहीं लगा। खुशबू ने कहा, “लेकिन उस वक्त मैं 14 साल की भी पूरी नहीं थी तो राज जी ने कहा, ‘ये खुद एक बच्ची है और इसके हाथ में बच्चा अच्छा नहीं लगेगा।’ इसके साथ वो फिल्म को आगे शूट नहीं कर सकते थे और इस वजह से मैं फिल्म में किरदार नहीं कर पाई।”

बता दें कि ‘राम तेरी गंगा मैली’ के सह लेखक और डायरेक्टर राज कपूर थे, जिसमें राजीव कपूर और मंदाकिनी मुख्य भूमिका में थे। फिल्म का संगीत रवीन्द्र जैन ने दिया था, जो खूब पसंद किया गया था। ये राज कपूर द्वारा निर्देशित आखिरी फिल्म थी और इसने बॉक्स ऑफिस पर भारी सफलता हासिल की थी। इसके साथ ही फिल्म बोल्ड कंटेंट को लेकर खूब सुर्खियों में रही थी। इसमें मंदाकिनी के कुछ सीन ऐसे थे जिनके कारण विवाद खड़ा हो गया था।