बॉलीवुड एक्ट्रेस मीना कुमारी (Meena Kumari) की बड़े पर्दे पर ट्रैजेडी क्वीन नाम से मशहूर थीं, मगर उनकी रियल लाइफ काफी ट्रैजेडी से भरी रही। मीना कुमारी ने जिंदगी में काफी दर्द झेले हैं। उनकी जिंदगी में इतने दुख रहे हैं कि जब बड़े पर्दे पर उन्हें रोने वाला सीन करना होता था तो वो कभी ग्लिसरीन नहीं लगाया करती थीं बल्कि उनकी आंखों से सच्चे आंसू बहा करते थे। उन्होंने जन्म से ही नफरत का सैलाब देखा था। जन्म के कुछ घंटों के बाद ही पिता ने उन्हें अनाथाश्रम के हवाले कर दिया था, हालांकि बाद में वो उन्हें ले आए थे। मगर जब मीना कुमारी 4 साल की हुईं तो उन्हें कमाई की मशीन बना दिया गया था। इसके बाद जब थोड़ी बड़ी हुईं तो पिता की पाबंदियों का सामना किया और शादी हुई तो पति कमाल अमरोही की मारपीट को सहा। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि स्क्रीन पर राज करने वाली मीना कुमारी ने जिंदगी किसी ज़िल्लत से कम नहीं रही है।

पाकीजा, साहिब बीवी और गुलाम, बैजू बावरा जैसी दर्जनों फिल्मों में काम कर स्क्रीन पर राज करने वाली मीना कुमारी की चाहत लोगों में इस कदर थी कि लोगों को अगर उनके टूटे बाल भी मिल जाए तो लोग उसकी ताबीज बनवा लिया करते थे। चकाचौंध भरी दुनिया में राज करने वाली मीना कुमारी की जिंदगी में इस कदर स्याही थी कि उन्होंने शराब को ही अपने सुकून का जरिया बना लिया था।

पिता ने धुतकारा तो पति ने रखी शर्त

पिता तो मीना कुमारी से बचपन से ही नफरत करते थे। उनके पिता थिएटर आर्टिस्ट थे। जब वो 4 साल की हुईं तो फिल्मों में काम करने लगीं। उन्हें पहली फिल्म के लिए 25 रुपए मिले थे। उनकी पहली फिल्म ‘लेदर फेस’ (1939) थी। इसके बाद उन्होंने बतौर हीरोइन 13 साल की उम्र में इंडस्ट्री में काम करना शुरू कर दिया था। बतौर लीड एक्ट्रेस उनकी पहली फिल्म ‘बच्चों का खेल’ (1946) थी। मीना ने खेलने-कूदने की उम्र में घर संभालना शुरू कर दिया था। वो घर का खर्च चलाने के लिए एकमात्र जरिया बन गई थीं। वहीं बाद में मीना कुमारी को कमाल अमरोही से प्यार हो गया था। उनकी चाहती का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि डायरेक्टर ने उन्हें फिल्म ‘अनारकली’ में कास्ट किया था और इसी बीच एक्ट्रेस का एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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इसके बाद कमाल हर दिन एक्ट्रेस से मिलने के लिए फूलों का गुलदस्ता लेकर जाते थे। वो 15 साल बड़े थे। इसी बीच मीना उनको मन ही मन चाहने लगीं। जबकि वो पहले ही दो शादियां कर चुके थे। इनके नजदीकियों की खबरें खूब रहीं। जब ये बात एक्ट्रेस के पिता को पता लगी तो वो बेटी की निगरानी रखने लगे। वहीं, कमाल ने मीना को एक और फिल्म ‘दायरा’ ऑफर कर दी। लेकिन, एक्ट्रेस के पिता अली बख्श को ये मूवी नामंजूर थी। फिर भी मीना पिता के खिलाफ जाकर शूटिंग करने पहुंच गई थीं और जब घर लौटीं तो पिता ने दरवाजा नहीं खोला। घंटों बाहर खड़ी रहने के बाद एक्ट्रेस कमाल अमरोही के घर चली गईं।

नरगिस भी रही थीं मारपीट की गवाह

वहां, पहुंचने के बाद भी मीना कुमारी के लिए जीवन आसान नहीं हुआ। कमाल ने अपने साथ रखने के लिए शर्तें रख दी। पहली शर्त थी कि दूसरे डायरेक्टर के साथ काम नहीं करेंगी। घर छोड़ने के लिए कोई लड़का नहीं आएगा। शाम 6 बजे से पहले घर लौटना होगा और रिवीलिंग कपड़े नहीं पहनेंगी। इतना ही नहीं, ये भी शर्त रखी कि कोई पुरुष उनके मेकअप रूम में नहीं आएगा। हालातों की मारी मीना कुमारी ने उनकी सभी शर्तों का मान लिया और वो उनके साथ रहने लगीं। शादी के 8 महीने तक उन्होंने शर्तों को माना और फिर बाद में विरोध करने लगीं। घर में रोज झगड़े होने लगे, जिसका अंत मारपीट से होता था। एक बार तो मारपीट की गवाह खुद नरगिस रही थीं। हालांकि, बाद में मीना कुमारी और कमाल अमरोही का तलाक हो गया था।

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डेटॉल की बोतल में शराब पीती थीं मीना कुमारी

मीना कुमारी अपनी जिंदगी से काफी परेशान होने लगी थीं। उन्होंने सुकून का जरिया शराब को बना लिया था। शराब की लत ने उनकी हालत बिगाड़ दी थी। उन्हें शराब की लत इस कदर लग चुकी थी कि वो डेटॉल की बोतल में शराब भरकर पिया करती थीं। लगातार बीमार रहने के कारण एक दिन एक्ट्रेस को 1968 में लिवर सिरोसिस का पता चला। इसके बाद वो उसी साल इलाज के लिए लंदन और स्विट्जरलैंड चली गईं। रिकवर होकर लौटीं जरूर मगर पूरी तरह से ठीक नहीं हुई थीं। एक्ट्रेस को बताया जा चुका था कि उनके पास ज्यादा दिन नहीं है।

अंतिम समय में नहीं था कोई पास

मीना कुमारी की अंतिम घड़ी भी कुछ ऐसी ही रही। मौत के तीन दिन पहले से ही एक्ट्रेस कॉमा में थीं। उनके पास अंतिम घड़ी में कोई नहीं था। 31 मार्च, 1972 को उनका निधन हो गया था। उसी समय उनकी फिल्म ‘पाकीजा’ रिलीज हुई थी, जो फायदेमंद साबित हुई थी। अफसोस इस बात का रहा कि एक्ट्रेस इस फिल्म की सफलता को नहीं देख सकीं। मीना की आखिरी फिल्म ‘गोमती के किनारे’ रही थी, जिसे उनकी मौत के बाद रिलीज किया गया था।

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