CineGram: हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता रहे फिरोज खान की फैन फॉलोइंग अलग ही थी। उन्होंने ‘कुर्बानी’, ‘धर्मात्मा’ और ‘जांबाज’  जैसी फिल्मों में कमाल का काम किया। उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको कुछ ऐसी दिलचस्प बातें बताने वाले हैं, जो उनके साथ काम कर चुकीं एक्ट्रेसेस जैसे जीनत अमान, मुमताज और सायरा बानो ने कही थी। इन एक्ट्रेसेस ने न केवल फिरोज खान के साथ काम किया, बल्कि वो बतौर इंसान उन्हें पसंद भी किया करती थीं।

मुमताज ने फिरोज खान के साथ कई फिल्मों में काम किया है, ये ही कारण था कि दोनों के अफेयर की खबरें आग की तरह फैलने लगी थी। कहा जाता था कि फिरोज, मुमताज से शादी करना चाहते थे। इस पर मुमताज ने चुप्पी तोड़ी थी और सच क्या था उसके बारे में बात की थी। ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा था कि फिरोज ने उन्हें कभी शादी के लिए प्रपोज नहीं किया, बल्कि फिरोज एक एंग्लो-इंडियन लड़की के प्यार में दीवाने थे।

शादी करके टूटता दिल

मुमताज और फिरोज अच्छे दोस्त हुआ करते थे, लेकिन उनकी मानें तो अगर वो दोनों शादी कर लेते तो उनका दिल टूट जाता। मुमताज ने फिरोज खान के साथ शादी करने को तालाब में कूदने के समान बताया था। बता दें कि मुमताज पहले से ही शम्मी कपूर से प्यार करके पछता रही थीं, वो नहीं चाहती थीं कि दोबारा कुछ ऐसा हो और फिर वो फिरोज के रूप में मिला एक अच्छा दोस्त खो दें।

सायरा बानो ने शेयर किया था कुछ ऐसा

साल 2023 में फिरोज खान की बर्थ एनिवर्सरी पर सायरा बानो ने भी उनकी एक तस्वीर के साथ किस्सा शेयर किया था। सायरा बानो ने फिरोज के साथ ‘आदमी और इंसान’ में काम किया था। उस वक्त को याद करते हुए सायरा ने फिरोज को इंडस्ट्री का स्टाइल आइकन, बेहद खूबसूरत और उनके लुक के लिए मशहूर एक्टर बताया था। सायरा उन्हें तमीजदार और प्यार से बोलने वाला इंसान भी कहा था।

सायरा ने फिरोज और मुमताज के रिश्ते का भी जिक्र किया था। उन्होंने लिखा था, “आदमी और इंसान की पहली शूटिंग में हम सभी को एक ग्लैमरस गाने में दिखाया गया था, जहां मुमताज हीरो और मेरे चारों ओर घूमते हुए “जिंदगी इत्तेफाक हैं” गा रही थी। सेट के खुशनुमा माहौल को देखना मजेदार था, जहां पुराने दोस्त, फिरोज और मुमताज एक-दूसरे से मजाक करते रहते थे। धरमजी और मैं दोनों के बीच एक-दूसरे से आगे रहने के इस खेल को देखकर हंसते-हंसते लोटपोट हो जाते थे।”

सायरा ने आगे लिखा था, “फिरोज और मेरा घरेलू माहौल एक जैसा था। मुझे एक मीटिंग याद है, जहां उनके स्टाफ के सदस्य मेज पर सिक्के उछाल रहे थे और अप्पाजी ने उन्हें मेज पर सिक्के गिराने से पहले धोने के लिए कहा था क्योंकि सिक्के हर जगह जाते हैं और खतरनाक होते हैं। अप्पाजी बिल्कुल मेरी मां की तरह कर रहे थे। वह छोटी-छोटी चीजों को लेकर भी नखरेबाज हैं, खासकर सिक्कों को घर में कोई संभाल कर रखे उससे पहले साफ करना! वह बहुत उदास हो गए थे क्योंकि मैं “अपराध” नहीं कर सकी और वो हमेशा मुझे छेड़ा करते थे।”