संजीव कुमार, राजेश खन्ना, शत्रुघन सिन्हा, अमिताभ बच्चन और शशि कपूर ये सारे एक्टर्स अपने जमाने के बड़े सितारे हुआ करते थे। उस वक्त पर कहा जाता था कि जो जितना बड़ा स्टार होता था, उतना ही देरी से शूट पर आता था। संजीव कुमार और शत्रुघन सिन्हा जैसे एक्टर्स सेट पर देरी के लिए बदनाम थे। शबाना आजमी, जिन्होंने लगभग इन सभी स्टार्स के साथ काम किया है, उन्होंने बताया कि कैसे वो सेट पर इनका इंतजार किया करती थीं। उन्होंने ये भी बताया कि वहीदा रहमान ने उन्हें इंडस्ट्री में कदम रखने के समय एक सलाह दी थी।
रेडियो नशा को दिए इंटरव्यू में शबाना आजमी ने कहा, “हम एक साथ 12 फिल्मों में काम करते थे। मैं संजीव कुमार के साथ ‘नमकीन’ फिल्म में काम कर रही थी। फिल्म की शूटिंग फिल्म सिटी में हुई और शिफ्ट सुबह 7 बजे शुरू होती थी, लेकिन संजीव कुमार कभी भी 11:30 बजे से पहले नहीं आते थे। मैं अपनी मां से कहती थी, ‘मां, कृपया मुझे इतनी जल्दी मत जगाओ, हीरो कभी समय पर नहीं आता।”
मां भी थीं एक्ट्रेस
शबाना ने बताया कि उनकी मां खुद एक्ट्रेस थीं तो समय की बड़ी पक्की थीं। “क्योंकि वो खुद एक एक्ट्रेस थीं और थिएटर बैकग्राउंड से थीं तो उन्होंने मुझे कहा था, ‘बेटा, इससे तुम्हारा कोई लेना-देना नहीं है, तुमने अपने प्रोड्यूसर से वादा किया है कि तुम 7 बजे सेट पर होंगी तो तुम्हें ये फॉलो करना चाहिए। भले ही शूट स्टार्ट हो या न हो।”
इन एक्टर्स के कारण होती थी परेशानी
शबाना ने बताया कि उनके को-एक्टर्स की देर से आने की आदत के कारण उनका शेड्यूल बिगड़ जाया करता था। उन्होंने कहा, “संजीव कुमार 11:30 बजे ही आया करते थे और इसके बाद मैंने 4-5 शॉट देकर फिल्मिस्तान भागा करती थी। वहां 2-10 की शिफ्ट होती थी। शत्रुघन सिन्हा उसमें 7 बजे आया गया था। इन लोगों की तुलना में राजेश खन्ना अच्छे थे। वो संजीव और शत्रुघन जितने खराब नहीं थे।”
वहीदा रहमान ने दी थी सलाह
शबाना आजमी ने बताया कि जब वो इंडस्ट्री में नई-नई थीं तब वहीदा रहमान ने उन्हें सलाह दी थी। “मुझे याद है कि पहली चीज जो वहीदा रहमान ने मुझे समझाई थी वो था धैर्य रखना। उन्होंने मुझसे कहा, ‘बहुत इंतजार करना होगा और अगर आप उसकी वजह से अपना मूड खराब होने देंगे तो इसका असर आपके काम पर दिखेगा।”
हॉलीवुड से की बॉलीवुड स्टार्स की तुलना
शबान आजमी ने इंडियन सिनेमा हीरो की तुलना हॉलीवुड स्टार्स से की। “यहां तक कि सबसे बड़े स्टार्स भी देर से आने का जोखिम नहीं उठा सकते क्योंकि इससे बाकी सभी का शेड्यूल खराब हो जाएगा। उन्हें जज किया जाएगा। डिसिप्लिन बहुत जरूरी है।”