CineGram: 1981 में आई यश चोपड़ा की फिल्म ‘सिलसिला’ के बाद जया बच्चन ने एक्टिंग से दूरी बना ली थी। इस फैसले को लेकर मीडिया और लोगों के बीच कई अटकलें लगाई गईं। किसी ने इसे पारिवारिक जिम्मेदारियों से जोड़ा तो किसी ने पति अमिताभ बच्चन के कहने पर लिया गया निर्णय बता दिया। लेकिन सालों बाद खुद जया और उनके परिवार ने इन सब बातों पर सफाई दी। 1997 में जब जया बच्चन ने गोविंद निहलानी की ‘हज़ार चौरासी की मां’ से फिल्मों में वापसी की, तो हर किसी के मन में यही सवाल था- आखिर इतने लंबे समय तक उन्होंने स्क्रीन से दूरी क्यों बनाई?
“इंडस्ट्री नहीं छोड़ी, सिर्फ ब्रेक लिया था”
1997 में rediff.com के साथ एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया जब उन्होंने काम से ब्रेक लिया था तो क्या उस दौरान उन्हें ऑफर मिले तो उन्होंने साफ कहा- “ऑफर आए थे, लेकिन मैंने करना नहीं चाहा। मैंने इंडस्ट्री को अलविदा नहीं कहा था, बस कुछ समय के लिए रुकी थी।” दरअसल, जया उस समय अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) की वाइस प्रेसिडेंट और चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी की चेयरपर्सन थीं। यानी परदे से दूर रहते हुए भी वो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हुई थीं।
“वो मेरे पति हैं, मेरे गार्जियन नहीं”
जब जया से पूछा गया कि क्या एक्टिंग में वापसी से पहले उन्होंने अमिताभ बच्चन से परमिशन ली थी, तो उन्होंने जवाब दिया- “वो मेरे पति हैं, मेरे गार्जियन नहीं, बस कीजिए।”
जया बच्चन को मिला था पिता का सपोर्ट
जया बच्चन के पिता तरुण कुमार भादुड़ी ने भी बेटी के फैसलों पर हमेशा भरोसा जताया। एक पुराने लेख में उन्होंने कहा था, “जब जया ने काम छोड़ने का फैसला किया, तो हमने कुछ नहीं कहा। हमारे परिवार में बच्चों पर फैसले नहीं थोपे जाते।” उन्होंने यह भी कहा कि शायद जया की प्रतिभा का सही इस्तेमाल नहीं हुआ, लेकिन वह उनका व्यक्तिगत निर्णय था – और शायद उन्हें इसका कोई पछतावा भी नहीं।