इम्तियाज अली की फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ सुर्खियों में है, ये एक ऐसे सिंगर की कहानी है जिसे दिन दहाड़े गोली मार दी गई थी, उस वक्त अमर सिंह चमकीला अपने करियर के पीक पर थे और उन्हें खूब प्यार मिल रहा था। जिस तरह से उनकी मौत हुई ऐसे ही एक बार एक एक्टर को दिनदहाड़े गोली मारी गई थी। वो एक्टर कोई और नहीं बल्कि धर्मेंद्र के चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह थे। अमर सिंह चमकीला की हत्या के कुछ वक्त बाद ही वीरेंद्र सिंह की हत्या भी हुई थी। वीरेंद्र दिखने में धर्मेंद्र जैसे ही थे, वो पंजाबी फिल्मों में काम किया करते थे और उन्हें पंजाबी फिल्मों का धर्मेंद्र कहा जाने लगा था। मगर फिर एक दिन सेट पर ही महज 40 की उम्र में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पंजाब के सुपरस्टार थे वीरेंद्र
वीरेंद्र सिंह पंजाबी सिनेमा के सुपरस्टार बन गए थे। अपने छोटे से फिल्मी करियर में वीरेंद्र ने महज 25 फिल्में कीं और उनका हुनर देखिये सभी फिल्में हिट हुईं। एक्टर होने के साथ वीरेंद्र सिंह और डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वीरेंद्र ने साल 1975 में फिल्म ‘तेरी मेरी एक जिंदड़ी’ से की यह फिल्म सुपरहिट हुई इसके बाद उन्होंने धर्म जीत, कुंवारा मामा, जट शूरमे, रांझा मेरा यार, वैरी जट जैसी कई फिल्में कीं और सभी फिल्में हिट हुईं।
भाई को खोकर टूट गए थे धर्मेंद्र
धर्मेंद्र के भाई वीरेंद्र अपने भाई की तरह ही एक्टिंग की दुनिया में अपना सिक्का जमा चुके थे, और धीरे-धीरे पंजाब फिल्म इंडस्ट्री में सफल होने लगे। कहा जाता है कि फिल्मों की सफलता की वजह से ही उन्हें मारा गया, कई लोग थे जो उनकी सफलता से जलते थे और फिर 6 दिसंबर 1988 वीरेंद्र की लाइफ का आखिरी दिन बन गया। इस दिन की किसी को उम्मीद नहीं थी। वीरेंद्र अपनी फिल्म ‘जट ते जमीन’ की शूटिंग कर रहे थे और सेट पर ही उन्हें गोलियों से भून दिया गया। पूरी पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब गई और धर्मेंद्र भी अपने भाई को खोकर टूट गए थे। उस वक्त पंजाब में हत्याएं होना आम बात थी और आज तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि वीरेंद्र सिंह की हत्या क्यों की गई?
