डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर, कोरियोग्राफर और राइटर गुरुदत्त हिंदी सिनेमा के वो हीरो थे जिन्होंने पूरी दुनिया में अपना नाम चमकाया। गुरुदत्त का असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। ब्राह्मण परिवार में जन्मे गुरुदत्त पादुकोण के पिता हेड मास्टर और बैंकर थे तो मां टीचर और राइटर थीं। उनका बचपन कोलकाता में बीता और इसी वजह से वह बहुत ही शानदार बंगाली बोलते थे।
गुरुदत्त ने बॉलीवुड को अलग मुकाम दिया था, लेकिन छोटी सी उम्र में ही वह दुनिया को अलविदा कह गए। गुरुदत्त भले ही इंडस्ट्री का बड़ा नाम हों और उन्होंने जो चाहा वो हासिल कर लिया हो लेकर उन्हें कभी प्यार हासिल नहीं हुआ। उन्हें दो बार प्यार हुआ लेकिन मुकम्मल न हो पाया। कहा जाता है कि वह अपनी जिंदगी में इतने अकेले हो गए थे कि उन्होंने मौत को गले लगा लिया। गुरु दत्त 10 अक्टूबर 1964 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। वह अपने फ्लैट पर मृत मिले थे।
गुरु दत्त लव स्टोरी
गुरु दत्त को जानी-मानी सिंगर गीता रॉय से प्यार हुआ था। दोनों की पहली मुलाकात फिल्म बाजी के सेट के पर हुई थी। तीन साल दोनों ने एक दूसरे को डेट किया फिर 1953 में शादी कर ली और दोनों के दो बच्चे हुए। दोनों अपनी जिंदगी में खुश थे लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ की उनकी शादी टूटने के कगार पर आ गई। उनकी शादी में होने वाली खटपट के लिए वहीदा रहमान को जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वहीदा रहमान के साथ नजदीकियों के कारण गीता दत्त बच्चों के साथ घर छोड़कर चली गईं, और गुरुदत्त की जिद बेहद पजेसिव होने के चलते वहीदा भी दूर हो गईं।
गुरुदत्त की बहन ने क्या कहा
गुरुदत्त की बहन ने साल 2018 में फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि गुरुदत्त की टूटती शादी के लिए वहीदा रहमान को बेवजह ही जिम्मेदार ठहराया गया। प्यार को परिभाषित करना बहुत मुश्किल है। गुरु दत्त ने न तो वहीदा की वजह से सुसाइड किया था और न ही गीता दत्त की वजह से। प्रोफेशनली गुरु दत्त और वहीदा रहमान पहले ही अलग हो चुके थे। बल्कि ‘साहिब बीवी और गुलाम’ के आखिरी सीन के लिए गुरु दत्त को वहीदा रहमान से मिन्नत करनी पड़ी थी कि वह आकर उसे पूरा कर दें।’
फ्लैट पर एक रात पहले क्या हुआ?
उन्होंने आगे कहा कि ‘9 अक्टूबर 1964 के दिन गुरुदत्त अपने पैडर रोड स्थित फ्लैट पर राइटर अब्रार अल्वी के साथ थे। अबरार अल्वी ने गुरु दत्त को सलाह दी थी कि वह शराब के साथ नींद की गोलियां न खाया करें। गुरु दत्त ऐसा इसलिए करते थे क्योंकि उन्हें नींद नहीं आती थी। उस रात अबरार अल्वी डिनर किए बिना ही गुरु दत्त के घर से चले गए। गुरु दत्त ने भी नहीं खाया। गुरु दत्त ने जानबूझकर सुसाइड नहीं किया था। शायद शराब के साथ वो नींद की गोलियां खाना ही उनके लिए जानलेवा साबित हो गया। अगली सुबह गुरु दत्त के घर का दरवाजा नहीं खुला, जिसे तोड़ना पड़ा। अंदर जा कर देखा तो उनकी लाश सामने थी। हाथ कुछ जिस स्थिति और दिशा में थे, देखकर लग रहा था कि वह शायद कुछ कहना चाहते थे।’
ललिता लाजमि के मुताबिक ‘जैसे की वहीदा रहमान को गुरुदत्त की मौत की खबर मिली वह मद्रास में फिल्म के शूट से तुरंत दौड़ी चली आईं। वहीदा रहमान ने मेकअप तक नहीं उतारा था। वह उसी स्थिति में फ्लाइट लेकर गुरु दत्त के यहां पहुंचीं। गुरु दत्त की मौत पूरी इंडस्ट्री के लिए ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक रहस्य ही रह गई।’