एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार्जशीट दाखिल की है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने अपने म्यूजिक वीडियो में संरक्षित प्रजातियों के सांपों और अन्य जानवरों का इस्तेमाल किया, जिससे करोड़ों रुपये की अवैध कमाई हुई। ईडी ने गुरुग्राम स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में एल्विश यादव, फाजिलपुरिया, चंडीगढ़ की कंपनी स्काई डिजिटल और उसके निदेशक गुरकरन सिंह धालीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

जांच में पता चला कि फाजिलपुरिया के गाने से यूट्यूब के जरिए 52 लाख रुपये की कमाई हुई थी, जिसका इस्तेमाल जमीन खरीदने में किया गया था। ईडी ने एल्विश यादव और फाजिलपुरिया की लगभग 55 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है, जिसमें बिजनौर में 3 एकड़ जमीन और बैंक खातों में जमा रुपये शामिल हैं।

चार्जशीट में चंडीगढ़ की कंपनी स्काई डिजिटल को भी दोषी बनाया गया है। अदालत की तरफ से चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद दोनों को जल्द तलब किया जाएगा। ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि फाजिलपुरिया के ’32 बोर’ से 52 लाख रुपये की कमाई हुई थी। इसी रकम से उन्होंने बिजनौर में 50 लाख रुपये में 3 एकड़ जमीन खरीदी थी।

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रिपोर्ट्स की मानें तो एल्विश और फाजिलपुरिया के बैंक खातों से कुल 3 लाख रुपये, जबकि स्काई डिजिटल कंपनी के खाते से 2 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। ईडी ने दोनों की करीब 55 लाख रुपये की संपत्ति भी अटैच की है। बता दें कि ये मामला उस वीडियो से जुड़ा है, जिसमें एल्विश यादव और फाजिलपुरिया ने सांपों के साथ शूटिंग की थी।

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जांच एजेंसी का कहना है कि एल्विश यादव और फाजिलपुरिया ने फोलोअर बढ़ाने और पैसा कमाने के मकसद से कमर्शियल म्यूजिक वीडियो और वीडियो ब्लॉग के निर्माण में सांपों की संरक्षित प्रजातियों, इगुआना जैसे विदेशी जानवरों का अवैध रूप से इस्तेमाल किया। बयान में कहा गया है, “ये संगीत वीडियो स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए थे और फिर राजस्व उत्पन्न करने के लिए वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया।”