CAA, NRC और JNU को लेकर लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने कोलकाता बुक फेयर में कहा कि हमने मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू करने में देर कर दिया। ये तभी शुरू हो जाना चाहिए था जब दादरी में मोहम्मद अखलाक की मॉब लिंचिंग से हत्या कर दी गई थी।
द टेलिग्राफ की खबर के अनुसार, कोलकाता बुक फेयर में जब स्वरा से पूछा गया कि ऐसा आपको क्यों लगता है कि मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने में देरी हो गई तो स्वरा ने जवाब दिया, ‘मुझे लगता है कि यदि हमने ये धरने पहले शुरू कर दिए होते तो शायद हम इस तरह की घटनाओं पर रोक लगा पाते… हालांकि मैं सटीक अंदाजा नहीं लगा सकती कि ऐसा होता या नहीं। लेकिन नफरत की ऐसी घटनाएं कुछ हद तक रोकी जरूर गई होतीं।’
स्वरा ने कहा मुझे इस धरना प्रदर्शन और जिस तरह से देश के छात्र, महिलाएं सड़कों पर निकल रहे हैं इससे बदलाव आएगा। ऐसे मौके पर जब संविधान खतरे में है इस तरह के प्रदर्शन से अच्छा समाधान निकलेगा। उन्होंने पूछा कि क्या इससे बड़ी भी कोई देश सेवा हो सकती है? क्या इससे बड़ी कहीं देशभक्ति हो सकती है?
स्वरा भास्कर, जिन्होंने दिल्ली के मिरांडा हाउस से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया और जेएनयू से समाजशास्त्र में मास्टर्स किया, ने कोलकाता बुक फेयर के दौरान कहा कि ऐसी तमाम महिलाएं हैं जो अपने ही समुदाय पर हो रहे हमलों के वक्त शांत थीं। इन महिलाओं ने तब सड़कों पर उतरना सही समझा जब संविधान खतरे में आ गया। वे देश के भविष्य के लिए सड़कों पर उतरीं हैं।
आपको बता दें कि मीडिया, लिटरेचर और सोसायटी विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में मौजूद सायोनी घोष ने इस मौके पर कहा कि वो दिन चले गए जब लोग कहते थे कि हम राजनीति से दूर रहते हैं… मैं हर हाल में अब अपना राजनीतिक स्टैंड लूंगी। इसका मतलब होगा कि मुझे काम नहीं मिलेगा, न मिले।
Take Our Pollइससे पहले स्वरा भास्कर ने शाहीन बाग में फायरिंग के आरोपी कपिल गुर्जर को सिर्फ दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘सिर्फ 2 दिन…आज़ाद को 14 दिन की जेल हुई थी, क्यों? संविधान हाथ में लेकर घूमने के लिए? वाह री न्याय व्यवस्था’।
