बम्बई उच्च न्यायालय ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की उस जनहित याचिका पर शुक्रवार (11 मार्च) को अभिनेता आमिर खान और स्टार टेलीविजन से जवाब मांगा जिसमें उनके कार्यक्रम के लिए “सत्यमेव जयते” शब्दों का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जतायी गई है। सामाजिक कार्यकर्ता मनोरंजन राय ने अपनी याचिका में कहा कि शब्द “सत्यमेव जयतेह्” भारत के प्रतीक चिह्न का हिस्सा है और इसलिए उसका इस्तेमाल करना भारतीय राज्य प्रतीक चिह्न (निषेध एवं अनुचित इस्तेमाल) कानून और भारतीय राज्य प्रतीक चिह्न (उपयोग एवं नियमन) के तहत उल्लंघन है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में कहा कि शब्दावली “सत्यमेव जयते” का इस्तेमाल कानून एवं नियमों का उल्लंघन नहीं है। गृह मंत्रालय के अवर सचिव प्रदीप पांडेय की ओर से दायर हलफनामे ने कहा गया, “कानून एवं नियम भारत के प्रतीक चिह्न का पूरा का पूरा अनुचित इस्तेमाल निषिद्ध करते हैं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं जो उसके हिस्सों का इस्तेमाल निषिद्ध करता हो जैसे सत्यमेव जयते, शेर, बैल, घोड़ा आदि।”
हलफनामे में कहा गया, “इसलिए शब्दों ‘सत्यमेव जयते’ का टेलीविजन कार्यक्रम में इस्तेमाल कानून एवं नियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता।” अदालत ने यद्यपि सवाल किया कि यदि कल कोई शब्दों को छोड़कर पूरे प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल करता है तो क्या केंद्र सरकार यही रुख व्यक्त करेगी।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह को निर्देश दिया कि याचिका के संबंध में 20 अप्रैल को पेश हों। अदालत ने स्टार टीवी और आमिर खान से कहा कि वे अपने हलफनामे 20 अप्रैल तक दायर करें।

