भारतीय वायुसेना की ट्रेनिंग छोड़कर फिल्म इंडस्ट्री की तरफ रुख करने वाले एक्टर रंजीत 500 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं। 70 और 80 के दशक में उनकी पहचान फिल्मों में रेपिस्ट के रोल की बन चुकी थी। और फिल्मों में उनके निगेटिव किरदार को उनके वास्तविक जीवन से भी जोड़कर देखा जाने लगा था। इसका असर यहां तक हुआ था कि उनके परिवार वालों ने फिल्म में निभाए उनके निगेटिव किरदार के लिए घर से बाहर निकाल दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा करते हुए रंजीत ने कहा कि जब मैंने अपना पहला निगेटिव किरदार किया तो मुझे घर से बाहर निकाल दिया गया था। रंजीत ने कहा साल 1971 में समीर गांगुली की फिल्म शर्मीली रिलीज हुई थी जिसमें उन्होंने पहला निगेटिव किरदार निभाया था। अपने पहले निगेटिव किरदार की वजह से उनको घर से बाहर निकाल दिया गया था।

रंजीत ने आगे बताते हुए कहा कि वे बहुत ही रूढ़िवादी परिवार से आते हैं। मेरे किरदार को देख मेरे माता-पिता सोचते थे कि मैं किस बेवकूफ़ पेश में आ गया हूं जहां लड़कियों को चोट पहुंचाता हूं। उन्हें गालिया देता हूं। रंजीत ने कहा कि जब मैं परदे पर बुरे आदमी का किरदार निभाता, शॉट के बाद हम उसका काफी मजाक उड़ाते।

नेपोटिज्म पर कही ये बात

बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर रंजीत ने कहा कि यहां नेपोटिज्म हमेशा था, इसलिए प्रतिद्वंद्विता थी। रंजीत ने फिल्म सिलसिला का नाम लेते हुए कहा कि इस फिल्म को पहले परवीन बाबी करने वाली थीं, लेकिन निर्माता ने सोचा कि जया बच्चन बेहतर दिखेंगी। उन्हें कास्ट कर लिया गया। इसी तरह डैनी को शोले के लिए एप्रोच किया गया था, लेकिन क्योंकि वह व्यस्त थे। फिर मुझे इसकी पेशकश की गई थी, लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि वह (डैनी) मेरे अच्छे दोस्त थे। तो, ऐसी बातें होती हैं। मैं किसी समूह में नहीं था, लेकिन मेरे पास एक अच्छा बंधन था। मैंने सभी से प्यार और स्नेह पाया है।