दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में सावरकर की मूर्ति लगाने के बाद से अब तक राजनीतिक घमासान चल रहा है। ऐसे में भारत रत्न और लिजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर ने उनके साथ अपने संबंधों का जिक्र कर विरोधियों को नसीहत देने की कोशिश की है। इस संबंध में उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा, ‘‘वीर सावरकर और मेरे परिवार के बीच घनिष्ठ संबंध थे। उन्होंने मेरे पिता जी के लिए नाटक लिखा था।’’
लता बोलीं- महान देशभक्त थे सावरकर: गौरतलब है कि सावरकर को लेकर भारतीय राजनीति में तरह- तरह की अफवाहें आती रहती हैं। ऐसे में लता मंगेशकर ने कहा कि जो लोग ऐसा बातें करते हैं, उन्हें यह नही पता वीर सावरकर कितने बड़े देशभक्त थे। उन्होंने बताया कि वीर सावरकर के इस नाटक का पहला मंचन 18 सितंबर 1931 को हुआ था। लता ने अपने ट्वीट में 3.05 मिनट का एक गीत भी शेयर किया, जो उसी नाटक का है।
Veer Savarkar ji aur hamare pariwar ke bahut ghanisht sambandh the,isiliye unhone mere pita ji ki natak company ke liye natak “ Sanyasta Khadag “ likha tha. Is natak ka pehla prayog 18th Sep 1931 ko hua tha,is natak mein se ek geet bahut lokpriya hua. https://t.co/RMzBUc69SB
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 19, 2019
पहले भी सावरकर के लिए ट्वीट कर चुकी हैं लता: बता दें कि इससे पहले 28 मई को लता मंगेशकर ने सावरकर की जयंती पर ट्वीट किया था। उस वक्त उन्होंने लिखा था, ‘‘आज स्वतंत्रता के वीर सावरकर जी की जयंती है। मैं उनके व्यक्तित्व को, उनकी देशभक्ति को प्रणाम करती हूं। आजकल कुछ लोग सावरकर जी के विरोध में बातें करते हैं, लेकिन वे लोग यह नहीं जानते कि सावरकर जी कितने बड़े देशभक्त और स्वाभिमानी थे।’’
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सावरकर पर कथित टिप्पणी कर फंस चुकी है कांग्रेस: गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी सावरकर को कथित रूप से ‘राष्ट्रद्रोही’ कहकर फंस चुकी है। इस मामले में सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने भोइवाड़ा की अदालत में शिकायत की थी। उन्होंने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को नामजद करते हुए बताया कि उनके दादा विनायक दामोदर सावरकर के बारे ट्विटर पर लिखा गया कि उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ घुटने टेक दिए थे और जब वह अंडमान सेलुलर जेल में बंद थे, तब वह ब्रिटिश सरकार के गुलाम बनना चाहते थे। यह पूरी तरह झूठ है और मानहानिजनक टिप्पणी भी है।
उद्धव ठाकरे ने की थी भारत रत्न की मांग: कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि यदि हिंदुत्व के नायक विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर आजादी के समय प्रधानमंत्री बनते तो पाकिस्तान आज अपने अस्तित्व में नही होता। इस दौरान ठाकरे ने सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग की थी।