‘पिंजरा तोड़’ नाम के नारीवादी समूह की संस्थापक देवांगना कलिता और नताशा नरवाल की गिरफ्तारी को लेकर बॉलीवुड के गीतकार जावेद अख्तर ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जब देश कोरोना के कारण मजदूरों के पलायन, बेरोजगारी और भूख से जूझ रहा है वहीं गृहमंत्रालय सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करने में व्यस्त है। जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि उनकी प्राथमिकताएं देश के बाकी लोगों से अलग है। बता दें, देवांगना और नताशा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा हैं जिनको क्राइम ब्रांच की स्पेशल इनवेंस्टिगेशन टीम ने उन्हें हत्या, हत्या के प्रयास, दंगे और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है।

जावेद अख्तर ने इसी गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘जबकि देश कोरोना के कारण देश प्रवासी मजूदरों के पलायन, बेरोजगारी और भूख जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। वहीं गृहमंत्रालय उन लोगों को गिरफ्तार करने में व्यस्त है जिन्होंने सीएए के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था। उनकी प्राथमिकताएं देश के बाकी लोगों से अलग है। जावेद अख्तर के इस ट्वीट के बाद कई यूजर्स उनको निशाने पर ले लिए और ट्रोल करने लगे।

एक यूजर ने लिखा, ‘बहुत अच्छा। जबकि हमारी सरकार ने व्यापार बढ़ाने के लिहाज से ट्रंप को भारत आमंत्रित किया था, हमारे लुटियन बदमाश विरोध प्रदर्शन, दंगों, सड़कों को अवरुद्ध और देश को बदनाम करने में व्यस्त थे। उनकी प्राथमिकताएं भी शेष भारत से भिन्न है।’ वहीं कुछ ने गीतकार को जिहादी की संज्ञा देते हुए उन्हें रोहिंग्या का फिक्रमंद तक बताया। एक यूजर ने लिखा, ‘ईद के दिन भी रोहिंग्या की फिक्र हो रही जिहादी तुम्हें।’

एक ने लिखा, ‘इसका चंदा बंद हो गया है। उसकी चिंता है इसको।’ एक यूजर ने गीतकार ने दंगाई और द्रोही में अंतर करने की बात कहते हुए लिखा, ‘चिचा आपको देश द्रोही और दंगाई का मतलब समझने की ज़रूरत है।’

इसके साथ ही एक यूजर ने लिखा, ‘अरे चाचा ! कुछ जमातियों के बारे में भी बक देते। जिनकी वजह से 2 बार लॉडाउन बढ़ाना पड़ा है। फिर सांप को मारना चाहिए या उसकी लकीर को ?’