जानमाने पटकथा लेखक व फिल्म-गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि ईश्वर की आराधना करना अच्छी बात है, लेकिन यह दूसरों को परेशान करने के लिए नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी सोनू निगम के अजान के दौरान लाउड स्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग के संदर्भ में की। अख्तर शुक्रवार रात बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ कवि, गीतकार और पटकथा लेखक के रूप में दादासाहेब फाल्के एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजे गए। अख्तर ने कहा, “जहां तक मेरा मानना है..चाहे वो मस्जिद, मंदिर, चर्च या गुरुद्वारा हो, कोई भी धार्मिक स्थल हो, इससे फर्क नहीं पड़ता..आप प्रार्थना कीजिए, लेकिन इससे दूसरों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।” अभिनेता पंकज कपूर को भी उनके बहुमुखी अभिनय क्षमता के लिए पुरस्कृत किया गया।
उन्होंने कहा, “अपने काम को पहचान मिलने का मैं आभारी हूं। दादासाहेब फाल्के जैसे बड़े नाम के साथ जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है..भारतीय सिनेमा के पहले शख्स, जिन्हें हम भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जानते हैं..इसलिए मैं यहां पर उपस्थित होकर बेहद खुश हूं और इस पुरस्कार के साथ जुड़ने पर मुझे गर्व है।” उर्वशी रौतेला, हेमा मालिनी, ऐश्वर्या राय बच्चन, अनूप जलोटा, दिव्या खोसला कुमार, फाल्गुनी पाठक, जुबिन नौटियाल, कीर्ति कुलहरि, जूही चावला, उषा नाडकर्णी, पीयूष मिश्रा, राणा दग्गूबाती, शूजीत सरकार और सैयामी खेर जैसी हस्तियां भी सम्मानित की गईं।
सोनू निगम ने 17 अप्रैल को अपने ट्वीट्स में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के प्रयोग को ‘गुंडागर्दी’ करार दिया था। उन्होंने ट्वीट्स में कहा, ”ईश्वर सबका भला करे। मैं मुस्लिम नहीं हूं और मुझे सुबह अज़ान के चलते उठना पड़ता है। मैं किसी मंदिर या गुरुद्वारे द्वारा उन लोगों को जगाने के लिए बिजली के उपयोग को जायज नहीं मानता जो धर्म पर नहीं चलते। फिर क्यों? ईमानदारी? सच्चाई? गुंडागर्दी है बस।”
सोनू के इन ट्वीट्स पर विवाद हो गया। मुस्लिम समुदाय के कई नेताओं के सोनू के बयान की निंदा की। पश्चिम बंगाल के एक मौलवी सैयद शा अतेफ अली अल कादरी ने सोनू के खिलाफ बयान भी जारी कर दिया। जिसके बाद सोनू ने बुधवार (19 अप्रैल) को दोपहर दो बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और उसके बाद अपना सिर मुंडवा दिया।

