फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी ने अपने द्वारा निर्देशित फिल्म ‘डंकी’ के बारे में कहा है कि व्यावसायिक सफलता मायने रखती है, लेकिन फिल्म निर्माता केवल इसी चीज को प्रमुखता नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि लोगों ने ऐसे समय में एक मानवीय कहानी बताने के उनके प्रयासों की सराहना की है, जब लोग एक्शन फिल्मों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
शाहरुख खान अभिनीत ‘डंकी’ उन लोगों के अवैध प्रवास पर आधारित है जो बेहतर जीवन की तलाश में खतरनाक अवैध आव्रजन तकनीक ‘डंकी मार्ग’ से यात्रा करते हैं। यह बहुचर्चित फिल्म शाहरुख की ‘पठान’ और ‘जवान’ के बाद आई है। ये दोनों बड़ी मारधाड़ वाली फिल्में हैं, जो बाक्स आफिस पर एक-एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार कर चुकी हैं।
‘डंकी’ एक सौम्य फिल्म है जिसमें तापसी पन्नू, विक्की कौशल और बोमन ईरानी भी हैं। इसने 300 करोड़ रुपए कमाए हैं। हालांकि यह फिल्म ‘पठान’ और ‘जवान’ के बराबर सफल नहीं है। हिरानी ने कहा कि व्यावसायिक सफलता मेरे लिए भी मायने रखती है, लेकिन मैं पूरी तरह इसे ही प्रमुखता न देने की कोशिश करता हूं, क्योंकि जब आप व्यावसायिक सफलता को ध्यान में न रखते हुए काम करते हैं तब उस तरह की फिल्म बनाना शुरू कर देते हैं जैसी फिल्म आप बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि ‘डंकी’ बनाते समय उन्हें बिलकुल भी डर नहीं लगा। हिरानी ने कहा कि यह एक भारतीय कहानी है जिसके बारे में हिंदी सिनेमा में किसी ने नहीं सोचा था। मैं फिल्म को मिले प्यार से खुश हूं। यह एक सफल फिल्म है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी को भी बाक्स आफिस के आंकड़ों के बारे में चिंता करनी चाहिए। अगर ध्यान वहां है, तो यह ठीक नहीं होगा।
‘ऊल जुलूल इश्क’ में नजर आएंगे नसीरुद्दीन शाह और विजय वर्मा
फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के फिल्म प्रोडक्शन हाउस की फिल्म ‘ऊल जुलूल इश्क’ में नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, फातिमा सन शेख और शारिब हाशमी नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन विभु पुरी करेंगे जो 2015 में आई फिल्म ‘हवाईजादा’ के लिए जाने जाते हैं। इस फिल्म से गीतकार-संगीतकार की जोड़ी यानी गुलजार और विशाल भारद्वाज की भी वापसी हो रही है जो इसका संगीत तैयार करेंगे।
स्टेज 5 प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘बन टिक्की’ और ‘ट्रेन फ्राम छपरौला’ के बाद ‘ऊल जुलूल इश्क’ मल्होत्रा की तीसरी फिल्म है। मल्होत्रा ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि बेवकूफियां, नादान गलतियां, बड़ी भूल है इश्क, सच पूछिए तो मेरे हुजूर ऊल जलूल है इश्क। मुझे स्टेज 5 प्रोडक्शन की तीसरी फिल्म की घोषणा करते हुए प्रसन्न हो रही है।
मल्होत्रा ने सितंबर 2023 में अपने प्रोडक्शन हाउस को शुरू करने की घोषणा की थी। स्टेज 5 प्रोडक्शन के तहत पहली फिल्म टिस्का चोपड़ा की ‘ट्रेन फ्राम छपरौला’ है जिसमें राधिका आप्टे और दिव्येंदु ने अभिनय किया है। वहीं दूसरी फिल्म फराज आरिफ अंसारी द्वारा निर्देशित ‘बन टिक्की’ है जिसमें शबाना आजमी, जीनत अमान और अभय देओल हैं।
प्रदर्शन के पहले सप्ताह में ‘खो गए हम कहां’ को 63 लाख घंटे देखा गया
नेटफ्लिक्स पर ‘खो गए हम कहां’ को इसके प्रदर्शन के पहले सप्ताह में 63 लाख घंटे देखा गया है। ओवर द टाप (ओटीटी) मंच ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नेटफ्लिक्स के अनुसार, अनन्या पांडे, आदर्श गौरव और सिद्धांत चतुर्वेदी अभिनीत फिल्म ने इसके मंच पर शीर्ष 10 गैर-अंग्रेजी फिल्मों के वर्ग में भी अपनी जगह बनाई है। फिल्म का प्रीमियर 26 दिसंबर को हुआ था।
फिल्म निर्माता अर्जुन वरैन सिंह के निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘खो गए हम कहां’ की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी वास्तविक पहचान के साथ अपनी आनलाइन पहचान को संतुलित करने का प्रयास करते हैं। फिल्म के निर्माता एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर तथा टाइगर बेबी की रीमा कागती और जोया अख्तर हैं। सिंह ने फिल्म को अपनी महत्त्वपूर्ण परियोजना बताते हुए कहा कि वह एक ऐसी कहानी बयां करना चाहते थे जो उस पीढ़ी के साथ मेल खाती हो जिसमें वह बड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया को देखकर वह खुश हैं।
मंजूरी न मिलने से प्रदर्शन को तरस रही फिल्म : मुकेश मोदी
पिछले कुछ महीनों में सेंसर बोर्ड के साथ काफी विवाद देखने को मिल रहा है। अब फिल्म निर्माता मुकेश मोदी ने बोर्ड पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सेंसर प्रमाणपत्र न मिलने की वजह से उनकी फिल्म ‘पालिटिकल वार’ प्रदर्शन के लिए तरस रही है। मुकेश ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने किसी भी संपादन में कोई कटौती का सुझाव नहीं दिया, उन्होंने पूरी फिल्म को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह फिल्म समुदाय के लिए आंखें खोलने वाली है ताकि वे समझ सकें कि कैसे बाहरी शक्ति समुदाय को उनके धार्मिक आधार पर विभाजित करके भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही है। यह फिल्म समाज को संदेश दे रही है कि हमें एकजुट रहना चाहिए और एक-दूसरे से नहीं लड़ना चाहिए।
फिल्म समुदाय को अच्छे नेताओं को वोट देने के लिए भी प्रेरित कर रही है। फिल्म को अस्वीकार करने पर, उनका कहना है कि मुझे यकीन नहीं है कि मैं भारत में फिर से निवेश करूंगा या भारत में फिल्म बनाऊंगा। मुझे हैरानी होती है कि सेंसर बोर्ड ने मेरी फिल्म को मंजूरी क्यों नहीं दी, जबकि मेरी फिल्म समाज में जागरूकता ला रही है।