बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर गिनती जारी है और अनुमानों के उलट एक बार फिर बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बहुमत मिलता दिख रहा है। चुनावी रैलियों में जिस तरह से नीतीश सरकार की लोग बड़े पैमाने पर आलोचना कर रहे थे, उससे यह लग रहा था कि इस बार नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें कम है। लेकिन जैसे- जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ रही है और बीजेपी, जदयू गठबंधन सीटें जीतते जा रहे हैं, उससे लग रहा है कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बनेगी।

हालांकि बीजेपी अधिक सीटों पर जीत रही है और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ज़्यादा अच्छा प्रदर्शन करती नहीं दिख रही है। बॉलीवुड एक्टर कमाल रशीद खान (KRK) ने इसी बात को लेकर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जदयू इतनी कम सीटें जीतेगी तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री कैसे बन सकेंगे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बीजेपी को लगभग 80 सीटें मिलने वाली हैं और जदयू को लगभग 40। तो नीतीश कुमार सीएम कैसे बनेंगे? और अगर वो मुख्यमंत्री बन भी जाते हैं तो उन्हें बीजेपी का पपेट बनकर रहना होगा जिसकी उन्हें आदत नहीं है। मतलब आने वाले वक्त में बिहार में घमासान होना पक्का है।’

उनके इस ट्वीट पर यूजर्स ने अपनी अलग – अलग प्रतिक्रिया दी है। मैं समय हूं नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘कुछ नहीं होगा, फ्यूचर में जदयू को तोड़कर बीजेपी हो जाएगा। जैसे तेलंगाना में कांग्रेस को तोड़कर टीआरएस हो गया था।’ सेनपाई नामक यूज़र ने लिखा, ‘नहीं होता आदत तो पिछली बार बेशर्मों की तरह बीजेपी के सपोर्ट से सरकार नहीं बनाते, महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के बाद।’

 

कॉर्पोरेट सिटिज़न नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने कमाल खान को चुटिले अंदाज़ में जवाब दिया, ‘बेचारे सुडो सेक्युलर और लीबरल्स बस दो दिन ही खुश हो पाए। बहुत दुख की बात है।’ विजय रथ नाम से एक यूज़र ने लिखा, ‘फिक्र मत करो, महाराष्ट्र ने उन्हें एक सीख दे दी है। इतना बड़ा राज्य और आमदनी का स्रोत हाथ से गया.. बिहार उनके लिए कुछ नहीं है।’

आपको बता दें कि पिछले सभी चुनावों से उलट इस बार का बिहार चुनाव रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ा गया है। लालू यादव के बेटे और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने लोगों को 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया जिसका असर पूरे बिहार पर देखा जा रहा था। उनकी रैलियों में बड़ी भीड़ उमड़ रही थी और ऐसा लग रहा था कि राजद, कांग्रेस, सीपीआई आदि पार्टियों के मेल से बना महागठबंधन इस बार बिहार चुनाव जीत लेगा। एनडीए का मुख्य घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) भी उससे अलग होकर चुनाव लड़ रही थी। इन सभी कारणों से लग रहा था कि इस बार नीतीश कुमार को बिहार के सीएम की गद्दी नहीं मिलने वाली लेकिन अब नतीजे नीतीश के पक्ष में हैं।