बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर ओम पुरी फिल्मों में अपनी अदायगी को लेकर जितनी चर्च में रहते थे उतनी ही वह अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में बने रहते थे। जीवन के आख़िरी वक्त में ओम पुरी के साथ कई विवाद भी जुड़े। और  इन विवादों के कारण वह कई बार असहज भी हुए थे। ऐसा ही एक बार हुआ जब उन्होंने एक टीवी बहस के दौरान सरहद पर भारतीय जवानों के मारे जाने पर आपत्तिजनक बयान दिया जिसके बाद उनपर एफआईआर तक हो गई थी।

दरअसल उरी हमले के दौरान शहीद जवानों के मारे जाने के बाद ओम पुरी ने कहा था कि उन्हें आर्मी में भर्ती होने के लिए किसने कहा था? उन्हें किसने कहा था कि हथियार उठाओ? इस बयान के बाद ओमपुरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया। देशभर में अपने बयान को लेकर आलोचना झेलने के बाद ओम पुरी ने माफी मांग ली थी। माफी मांगते हुए ओम पुरी ने कहा था, ‘‘मैंने जो कहा उसके लिए काफी शर्मिंदा हूं। मैं इसके लिए सजा का भागीदार हूं। मुझे माफ नहीं किया जाना चाहिए। मैं उरी हमले में मारे गए भारतीय सैनिकों के परिवारों से माफी मांगता हूं।’’

उरी हमले के बाद ही बारामूला में 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर हमला हुआ जिसमें  इटावा के बीएसएफ जवान नितिन यादव शहीद हुए थे। इस हमले ने ओम पुरी को झकझोर दिया और पिछले बयान को लेकर पश्चाताप करने वह नितिन यादव के घर गए। संवेदनाएं व्यक्त करने के बाद ओम पुरी शहीद नितिन यादव के पिता के गले लग खूब रोए। इस दौरान ओम पुरी की आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे थे।

ओम पुरी ने एक बार फिर सरेआम अपनी गलती को स्वीकार करते हुए माफी मांगी और कहा कि मैंने बहस के दौरान जो शहीद का अपमान किया था वो मेरी गलती थी। उस दिन से मेरा दिल विचलित था। अगर किसी और देश में होता तो हाथ और सिर कटवा दिया गया होता।