कोविड महामारी की दूसरी लहर ने भारत पर बुरी तरह कहर ढाया है। अब भी हर दिन 2 लाख से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज़ हो रहे हैं और दो हजार से अधिक लोगों के मौत की खबरें हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी इस महामारी का भयंकर प्रकोप देखने को मिल रहा है। संदिग्ध कोविड मरीजों के शवों को गंगा में प्रवाहित करने का मामला भी सामने आता रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा का किनारा शवों से अटा पड़ा है जहां शवों को रेत में दफन किया जा रहा है। उन्नाव जिले से भी सैकड़ों लाशों को गंगा किनारे दफन करने का मामला सामने आया था। इसी दुर्दशा पर बॉलीवुड एक्टर कमाल आर ख़ान (KRK) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज़ कसा है।
केआरके ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर इन राजनेताओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘आज शवों की नदियों में बहाया जा रहा है, दफनाया जा रहा है, बजाए जलाने के। बस यही मोदी, योगी का रामराज्य है।’ केआरके ने एक और ट्वीट कर कहा कि राजनेता सोचते हैं जनता इस कोविड की बदहाली को भूल जाएगी लेकिन वो लोग कभी नहीं भूलेंगे जिन्होंने अपनों को ऑक्सीजन और बेड्स की कमी के कारण खोया है।
उन्होंने लिखा, ‘राजनेता सोच रहे होंगे कि लोग कोविड 19 के समय की पीड़ाओं की भूल जाएंगे। लेकिन मेरा मानना है कि वो लोग इसे कभी नहीं भूलेंगे जिन्होंने अपने परिवार को ऑक्सीजन, दवाईयों, बेड आदि की कमी से खोया है।’
केआरके ने पीएम मोदी का बंगाल चुनाव के समय का एक वीडियो भी शेयर किया है। एनडीटीवी के इस वीडियो में नरेंद्र मोदी लाखों की भीड़ को संबोधित कर रहे थे। उनकी ये रैली तब हो रही थी जब देश में लगातार तीसरे दिन 2 लाख से अधिक संक्रमण के नए मामले आए थे और हजार से अधिक मौतें हुई थीं।
वीडियो में भीड़ को देखकर नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि इतनी भीड़ वाली सभा मैंने पहली बार देखी है, जहां देखूं लोग ही लोग दिखते हैं। इसी वीडियो को शेयर करते हुए केआरके ने ट्वीट किया, ‘जब देश में 2 लाख नए कोरोना केस हर दिन आ रहे थे तब हमारे जिम्मेदार, समझदार, देशभक्त पीएम मोदी जी ये कर रहे थे, सुनिए।’
आपको बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनावों में कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों की रैलियां, सभाएं जारी थी। कई राजनेताओं ने अपनी सभाओं के दौरान मास्क तक नहीं पहने थे और कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए गए थे।