Bhool Bhulaiyaa 3 Movie Review, Rating and Release: शैतान, मुंजया और स्त्री 2 के हिट होने के बाद ये बात तो साबित हो चुकी है कि हॉरर कॉमेडी के लिए एक तगड़ी ऑडियंस बैठी है। ये ऑडियंस मसाला एंटरटेनर फिल्म चाहती है, इसे ज्यादा दिमाग नहीं लगाना, इसे ज्यादा लॉजिक नहीं चाहिए, लेकिन हां कॉमेडी-हॉरर की गारंटी जरूरी है। इसी फंडे को फिर भुनाने के लिए दिवाली धमाका लेकर आई है डायरेक्टर अनीज बज्मी की फिल्म भूल भुलैया 3। स्टार कास्ट में पुराने चेहरे रखे गए हैं, डायरेक्टर की कुर्सी भी पुराने खिलाड़ी के पास है, तो क्या माना जाए मजा भी पहला जैसा ही मिलने वाला है?
भूल भुलैया की कहानी कहने को अपनी तीसरी इंस्टॉलमेंट लेकर आई है, लेकिन यहां सिर्फ किरदार पुराने हैं, कहानी पूरी तरह नई दिखाई गई है। ये बात दिलचस्प लगती है क्योंकि जब किरदार पुराने हों तो ऐसी उम्मीद होती है कि थोड़े फ्लैशबैक होंगे, कुछ पिछली फिल्मों का बैकड्रॉप होगा। लेकिन मेकर्स ने यहां खुद को पूरी तरह छूट दे रखी है, हर इंस्टॉलमेंट के साथ नई कहानी पेश हो रही है, ऐसे में किसी ने पिछला पार्ट देखा हो या ना देखा हो, वो पूरे परिवार के साथ भूल भुलैया 3 देख सकता है।
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भूल भुलैया 3 की कहानी
अब आते हैं भूल भुलैया 3 की कहानी पर… रूह बाबा (कार्तिक आर्यन) एक बार फिर दुनिया को भूतों से मुक्ति दिलवाने आ गया है, मतलब कहना चाहते हैं कि फर्जीवाड़ा कर भूतों को भगाने की एक्टिंग अच्छी कर रहा है। उसका धंधा मस्त चल रहा है, लोगों को डराता है, थोड़ा भूतों का रेफरेंस देता है और दनादन पैसा कमाता है। लेकिन फिर रूह की जिंदगी में आती है मीरा (तृप्ति डिमरी) और उसकी लाइफ बन जाती है भूल भुलैया। मीरा एक राजघराने से ताल्लुक रखती है, उसके पिता खुद महाराजा हैं। अब मीरा, रूह को एक हवेली में लेकर जाती है, उसे बताया जाता है कि उसका पुनर्जन्म हुआ है। उसे करना कुछ नहीं है, बस मंजुलिका के भूत को मारना है। अब मारने की जिम्मेदारी उसे मिली है, तो राजघराने का एक पुरोहित (मनीष वाधवा) भी मौजूद है।
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अब ट्रेलर देख पहले ही पता चल चुका है कि दो मंजुलिका दिखाई दे रही हैं- एक बनी माधुरी दीक्षित और दूसरी विद्या बालन। ऐसे में रूह की जिम्मेदारी बढ़ चुकी है, पहले तो उसे पहचानना है कि असली मंजुलिका कौन है, फिर उसे मारने का ताम-झाम करना है। अब असली मंजुलिका कौन, मीरा की राजपरिवार की कहानी क्या, रूह कैसे करेगा अपने मिशन को पूरा… ऐसे ही कई सवाल और 2 घंटा 40 मिनट में भूल भुलैया 3 देगी आपको जवाब।
जैसी ऑडियंस की मांग, वैसी परोसी फिल्म
इस फिल्म का पोस्टमार्टम हम करें, उससे पहले एक सवाल का जवाब जानना चाहते हैं- बॉलीवुड के मेकर्स आजकल किसके लिए फिल्म बना रहे हैं, मुंबई की बांद्रा और साउथ दिल्ली वाली ऑडियंस के लिए या फिर पूरे हिंदी पट्टी के लिए। सवाल इसलिए क्योंकि इस साल हमने आलिया भट्ट की जिगरा को फ्लॉप होते देखा है। फिल्म में तो शायद उतनी कमी नहीं थी, लेकिन लोचा सारा टारगेट ऑडियंस का था। जिस छोटे वर्ग के लिए उस फिल्म को बनाया गया, उसने देख ली, उतने ही पैसे फिल्म कमा पाई। बात वही है- जब बॉलीवुड की पहचान एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट है… तो फिल्में भी तो वैसी होनी चाहिए। जितना मसाला परोसेंगे, उतनी आपकी ऑडियंस बढ़ती जाएगी।
हॉरर है, कॉमेडी की डोज भी भरपूर
अनीज बज्मी ने इस पल्स को बखूबी पकड़ लिया है, एक शब्द में बोलें तो भूल भुलैया 3 एक ‘बहुत ज्यादा मसाले’ वाली फिल्म है। ऐसी फिल्म तभी बन सकती है जब मेकर्स के सिर से हॉलीवुड को कॉपी करने का भूत उतर जाए, वो बेफिक्र हो जाएं और उनका मकसद सिर्फ अपनी ऑडियंस के लिए फिल्म बनाना हो। फिल्म के राइटर आकाश कौशिक का यहां जिक्र करना जरूरी हो जाता है, उन्हीं की वजह से कहानी में हॉरर-कॉमेडी का बढ़िया ब्लैंड देखने को मिला है। अगर फिल्म के नाम को जस्टिफाई करने जाते तो आकाश आसानी से इस कहानी को ‘भूल भुलैया’ जैसा बना देते, इतनी घुमावदार कि कई लोगों के सिर के ऊपर से निकल जाती।
कहानी ज्यादा लंबी, एक गाना भी फिजूल का
लेकिन नहीं, उन्होंने अनीज के विजन को बखूबी समझा है, कहानी में ट्विस्ट हैं, लेकिन वो इस तरह से रखे गए हैं कि हर वर्ग का आदमी आसानी से उन्हें पकड़ ले। सस्पेंस हैं, लेकिन बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की कोई जरूरत नहीं। फिल्म का पहला हाफ ही माहौल सेट करने का काम कर जाता है, ज्यादा रिवील नहीं करेंगे, लेकिन इतना जरूर लग जाता है कि हम भूतों की एक भव्य दुनिया में एंट्री करने जा रहे हैं। मेकर्स को ऐसा माहौल बनाने के लिए पूरा श्रेय देना होगा। सेकेंड हाफ आते-आते हम पूरी तरह कहानी में इनवेस्ट हो जाएंगे और फिर रूह की दुनिया, मंजुलिका की दुनिया, हमारी दुनिया होगी। हां फिल्म की लेंथ सही में ज्यादा है, मानना पड़ेगा कि एक गाना भी फिजूल में डाला गया है, इसके ऊपर कुछ सीन्स ज्यादा स्ट्रैच्ड हैं, लेकिन बात जब मास ऑडियंस को केटर करने की आती है, ऐसी भूल-चूक माफ कर सकते हैं, हम तो जरूर कर रहे हैं।
कार्तिक में दिखे ‘अक्षय’, बाकी स्टार्स का कैसा काम?
भूल-चूक तो इसलिए भी माफ है क्योंकि हमारे पसंदीदा स्टार्स ने काम कमाल का किया है। रूह बाबा की आत्मा कार्तिक आर्यन में ऐसी समाई है कि वे पर्दे पर छाए रहते हैं। कुछ सीन्स में तो ऐसी वाइब आती है कि वे अक्षय कुमार की मिमिक्री सी कर रहे हैं, लेकिन वो टच अच्छा लग जाता है। तृप्ति डिमरी को फिल्म में लाना एक सही फैसला माना जाएगा, एनिमल के बाद से नेशनल क्रश बन चुकीं एक्ट्रेस की फैन फॉलोइिंग तगड़ी है, ऐसे में आधे लोग कार्तिक के साथ उनकी केमिस्ट्री देखने के लिए भी बेताब थे। उनका काम फिल्म में ठीक-ठाक लगता है, बेहतर होने की गुंजाइश कही जा सकती है। विद्या बालन और माधुरी दीक्षित ने इस फिल्म को नया फ्लेवर देने का काम किया है। विद्या की तो वापसी हुई है, वहीं माधुरी ने एक्स फैक्टर बन रंग जमाया है।
इन दोनों ही एक्ट्रेस का फिल्म में काम तो अच्छा लगता ही है, इसके ऊपर हॉरर सीन्स में उनके एक्सप्रेशन्स सही में रोंगटे खड़े करते हैं। दोनों का फिल्म में एक डांस ऑफ भी दिखाया गया है, वो पूरी तरह एक नंबर है, आंखे स्क्रीन से हटने नहीं वाली हैं। राजपाल यादव की छोटे पंडित के रूप में वापसी भी काफी मजेदार है। इस बार उनकी स्क्रीन प्रेजेंस कुछ कम रखी गई है, लेकिन जितनी देर आते हैं, दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान रहती है। उनके साथ बड़े पंडित बने संजय मिश्रा और पंडिताइन बनीं अश्विनी कलेसर ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। सहकलाकारों में विजय राज, राजेश शर्मा, मनीष वाधवा का काम भी फिल्म के लिहाज से सही लगता है। विजय राज की कॉमिक टाइमिंग भी हंसने पर मजबूर करती है।
भूल-भुलैया 3 का ट्रेलर यहां देखें
डायरेक्शन, बैकग्राउंड स्कोर और प्रोडक्शन डिजाइन
फिल्म के डायरेक्टर अनीज बज्मी ने इस दिवाली धमाके को जोरदार बनाने में अपनी पूरी भूमिका अदा की है। सिर्फ कुछ जोक्स फ्लैट हैं, फिल्म थोड़ी खिची है, लेकिन बाकी सबकुछ ऑन प्वाइंट दिखाई देता है। जिस एंटरटेनमेंट के गोल के साथ भूल भुलैया 3 को बनाया गया है, वो मकसद पूरा होता दिखता है, ऐसे में इसके फुल नंबर अनीज को मिलेंगे। यहां पर कहना पड़ेगा कि अनीज बज्मी को अपनी टीम के दो लोगों का बेहतरीन सपोर्ट मिला है, एक रहे बैकग्राउंड म्यूजिक देने वाले तनिष्क बागची और दूसरे प्रोडक्शन डिजाइनर रजत पोड्डार। भूल-भुलैया 3 का बैकग्राउंड स्कोर उसकी यूएसपी है, हरे-राम वाला म्यूजिक, मंजुलिका के डांस वाला म्यूजिक, इनकी वजह से कई सीन्स काफी एलीवेट हुए हैं। इसके ऊपर जिस तरह का सेट रखा गया है, वो हवेली, वहां के छोटे-छोटे एलीमेंट्स, सबने हॉरर क्रिएट करने का काम किया, ऐसे में रजत की तारीफ जरूर होनी चाहिए।
बाकी हंसना है तो भूल भुलैया 3 देखिए, थोड़ा डरना है, तो भी इस फिल्म को देख आइए, अगर सिर्फ मनोरंजन की गारंटी चाहिए, फैमिली के साथ तुरंत टिकट बुक कर लें क्योंकि कार्तिक आर्यन और अनीज बज्मी की जोड़ी ने वो कर दिखाया है जिसके लिए वे जाने जाते हैं- एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट।