पवन सिंह भोजपुरी सिनेमा का एक जाना – माना नाम हैं। फिल्मों और गायकी के अलावा पवन सिंह राजनीति से भी जुड़े हुए हैं। साल 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें कहीं से टिकट नहीं मिल पाया था, जिसपर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं की थी और वो अब भी पार्टी के लिए काम करते हैं। एक इंटरव्यू में पवन सिंह ने बीजेपी के साथ होने के बावजूद बैकफुट पर रहने को लेकर बोला था कि दर्शक ही उनके लिए सबसे बड़े अवॉर्ड की तरह हैं।

उन्होंने कहा था, ‘मैं जिस मंच पर जाता हूं, गाना गाने के लिए, वहां लाखों की भीड़ होती है। और मंच पर जाने के बाद जब दर्शक ताली बजाते हैं तो लगता है कि मुझे जीवन का सारा अवॉर्ड मिल गया। और उससे बड़ा मेरे लिए कोई अवॉर्ड नहीं है।’ उन्होंने आगे बताया, ‘जहां तक बात है बैकफुट पर होने की, तो लोग कंट्रोवर्सी करके कंट्रोवर्सी में रहते हैं, लेकिन पवन सिंह चुप रहता है फिर भी पवन सिंह पर ही बातें होती हैं। जिस दिन मैंने बीजेपी ज्वॉइन किया था, उस दिन मैं ग्रीन टी पी रहा था, लेकिन लोगों ने पता नहीं क्या- क्या अफवाह उड़ा दिया। मैं इस बारे में आगे नहीं बोलूंगा अब।’

चुनाव लड़ने को लेकर उनका कहना था कि समय आने पर वो चुनाव भी लड़ लेंगे। पवन सिंह ने कहा, ‘मैं शुरू से ही बोलता आ रहा हूं और आजीवन यही बोलूंगा कि ऑडिएंस मेरे लिए भगवान हैं। मुझे पब्लिक ने ही गायक बनाया और उसी ने नायक भी बनाया। आगे देखते हैं वो और क्या-क्या बनाते हैं।’ पवन सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत बड़े फैन हैं और जब वो राजनीति में आए थे तब भी उन्होंने कहा था कि वो नरेंद्र मोदी की वजह से ही राजनीति में आए हैं।

पवन के शुरुआती करियर की बात करें तो महज़ 11 साल की उम्र में ही उन्होंने गायकी शुरू कर दी थी। उनका पहला एल्बम ‘ ओढ़निया वाली’ था। पवन सिंह को ‘लॉलीपॉप लागेलू’ गाने ने भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बना दिया। भोजपुरी फिल्मों में उन्होंने साल 2007 में कदम रखा। फिल्म का नाम था, ‘रंग ली चुनरिया तोहरे नाम।’ लेकिन शुरुआती फिल्मों में उनका जादू कुछ खास नहीं चला। 2009 की फिल्म ‘प्रतिज्ञा’ से उनकी अभिनय का लोहा भोजपुरी जगत ने भी मान लिया और वो अब भी लगातार हिट फिल्में देते आ रहे हैं।