भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (Khesari Lal yadav) काफी स्ट्रगल कर इस मुकाम को हासिल किया है। वह अक्सर अपने कार्यक्रमों और इंटरव्यू में गरीबी से उबरने और एक स्टार बनने की कहानी बताते रहते हैं। बिग बॉस 13 से निकलने के बाद खेसारी लाल (Khesari Lal) ने डिशूम चैनल द्वारा आयोजित दिल्ली के एक कार्यक्रम में अपने संघर्ष के दिनों को याद किया और कहा कि वह भोजपुरी सिंगर गुड्डू रंगीला (Guddu rangeel) के घर भी 3 महीने तक रहे थे और रोटी बनाने का काम करते थे।
बकौल खेसारी लाल, ‘इस दिल्ली शहर को मेरे से ज्यादा कोई और नहीं जानता होगा। क्योंकि इस दिल्ली शहर ने मुझे सबकुछ दिया। मैं आज एक शख्स का नाम लेना चाहता हूं। वो हमारे बड़े भैय्या और गुरुतुल्य हैं। गुड्डू रंगीला जी। यहीं बगल में रहते हैं सीतापुरी में।’
खेसारी लाल ने इस दौरान बताया, ‘जब मैं स्ट्रगल पीरियड में था तो एक स्टार से मिलने की चाहत क्या होती है वो मैं जानता हूं। जब आप लोग खेसरिया से हाथ मिलाते हैं तो लगता है कि कलेजा ही निकाल कर ले जाओ। क्योंकि ये सब मैंना देखा है। 200 रुपए पर मैंने झाल बजाया है और कोरस भी किया है। गुड्डू रंगीला मेरे गुरुतुल्य हैं। आज भी हैं और कल भी रहेंगे। और जब तक जीऊंगा वो हमारे लिए सम्मानित रहेंगे। क्योंकि उनके घर पर 3 महीने रहकर मैंने रोटी बनाया है। और उस जीवन को मैं आजतक नहीं भूल सकता।’
खेसारी लाल ने आगे बताया कि वे ऐसा इसलिए नहीं करते थे कि उनके घर पर नौकर थे। बल्कि एक घर का बेटा बनकर ऐसा करते थे। उन्होंने कहा, ‘एक इच्छा थी कि मैं एक स्टार के साथ रहता हूं। आज आप लोगों ने मुझे ऐसा स्टार बना दिया है कि देश में ही नहीं पूरे विश्व में गूगल और यूट्यूब पर सर्च के मामले में चौथा स्थान रखता हूं। आप सब के प्यार ने ये सब कर दिखाया कि एक भोजपुरी का स्टार विश्व में गूगल सर्चिंग में चौथे स्थान पर है।’
बात करें गुड्डू रंगीला की तो हाल ही में वे अपने एक गाने को लेकर काफी चर्चा में थे। कोरोना वायरस पर गाए अपने गीत- लहंगा में कोरोना को लेकर उनकी काफी खिंचाई हुई थी। इस गाने को लेकर लोगों ने खूब भला-बुरा बोला था। गुड्डू रंगीला का असली नाम सिधेश्वरनन्द गिरि है। वे सीवान जिले के चैनपुर बावनडीह मठिया के रहने वाले हैं और इंटर तक पढ़ाई के दौरान ही कीर्तन व रामविवाह, शिवविवाह के गीत गाने लगे थे।
दिल्ली से चमके गुड्डू रंगीला
साल 1992 में दोस्त से 300 रुपया कर्ज लेकर गुड्डू रंगीला दिल्ली भाग गए। शिवपुरी में अपने रिश्ते के चाचा के घर पनाह लिया। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने स्कॉट नामक सिलाई कंपनी में 750 रुपए प्रतिमाह की नौकरी करनी भी की। गुड्डू की पहली ऑडियो कैसेट ‘जवानी के तूफान’ रिलीज हुई। 1997 में टी सीरीज से बुलावा आया और वहां से फिर वह एक स्टार के रूप में जाने जाने लगे। अब तक 350 से ज्यादा ऑडियो, वीडियो निकाल चुके है। वहीं पांच भोजपुरी फिल्मों में भी बतौर नायक नजर आ चुके हैं।