Chhath 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ एक ऐसा पर्व है जो केवल पूजा नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और शुद्धता का प्रतीक है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है, फिर खरना, संध्या अर्घ्य और अंत में उषा अर्घ्य देकर यह पर्व पूर्ण होता है। चार दिन तक चलने वाला यह त्योहार हर घर में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण बना देता है।

छठ का महत्व

छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी भव्यता पूरे भारत और विदेशों तक फैल चुकी है। नदी-घाटों पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय व्रतधारी महिलाएँ गीत गाती हैं, सूर्य को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं।

‘हो दीनानाथ’ – शारदा सिन्हा का अमर गीत

छठ पूजा के गीतों की बात हो और शारदा सिन्हा का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। उनकी आवाज़ में भक्ति और मातृत्व का ऐसा सम्मिश्रण है कि सुनते ही मन भावविभोर हो जाता है। उनका सुपरहिट गीत ‘हो दीनानाथ’ हर साल छठ पर्व पर घर-घर में गूंजता है।

Chhath 2025: ‘जोड़े-जोड़े फलवा’ – पवन सिंह का सबसे ज्यादा बजने वाला छठ गीत, मिला 100 मिलियन व्यूज़

यह गीत यूट्यूब चैनल T-Series Bhakti Sagar पर 23 अक्टूबर 2016 को रिलीज़ हुआ था और अब तक इसे 55 मिलियन से अधिक व्यूज़ मिल चुके हैं।

गीत में छठ पूजा की तैयारियाँ, घाट की रौनक, व्रतधारियों की भक्ति और सूर्य देव की आराधना को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया गया है। हर साल जब छठ आता है, यह गीत मानो फिर से नया जीवन पा लेता है और लोगों के दिलों में वही पुरानी आस्था जाग उठती है।

Chhath 2025: ‘छठ घाटे चली’- खेसारी लाल यादव की आवाज में सुने छठी मैया का ये भोजपुरी गीत, मन को मिलेगा सुकून

छठ पूजा 2025 की तारीखें और टाइमलाइन

• पहला दिन (25 अक्टूबर): नहाय-खाय
• दूसरा दिन (26 अक्टूबर): खरना व्रत
• तीसरा दिन (27 अक्टूबर): संध्या अर्घ्य
• चौथा दिन (28 अक्टूबर): उषा अर्घ्य एवं व्रत समापन

भक्ति और लोकसंगीत का संगम

शारदा सिन्हा के गीत न केवल भक्ति का भाव जगाते हैं बल्कि बिहार और पूर्वांचल की लोकसंस्कृति को भी जीवित रखते हैं।

यहां देखें गाना: