Sanjay Pandey: संजय पांडे भोजपुरी फिल्मों में अपने निगेटिव रोल को लेकर खासे लोकप्रिय हैं। कई भोजपुरी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। रील लाइफ में सबसे बड़े विलेन के तौर पर पहचान बनाने वाले संजय पांडे को असल जीवन में भी लोग गुंडा ही समझते थे। हाल ही में संजय पांडे ने भोजपुरी एक्ट्रेस से इससे जुड़ा एक किस्सा भी शेयर किया है।
भोजपुरी एक्ट्रेस काजल राघवानी संग इंस्टाग्राम लाइव चैट शो में भोजपुरी एक्टर संजय पांडे ने कहा कि उनको असल जीवन में भी लोग गुंडा ही समझते थे। उन्होंने बताया कि जब मैं पहले बिहार जाता तो लोग बोलते- बड़का गुंडा आइल ह( बड़ा गुंडा आया है)। वो मुझे सचमुच में गुंडा ही समझते थे। तो मैं भी उनको हड़का देता कि मैं बहुत बड़ा गुंडा हूं, पीछे हट जाओ नहीं तो…। और लोग डर के मारे पीछे भी हट जाते।
बता दें संजय पांडे एक बेहतरीन थिएटर आर्टिस्ट हैं। फिल्मों में आने से पहले संजय पांडे थिएटर ही किया करते थे। इसके साथ ही संजय पांडे मार्शल आर्ट और लाठी में भी निपुण हैं। भोजपुरी में लगभग 250 से ज्यादा फिल्में में विलेन का किरदार निभा चुके एक्टर संजय पांडे ने निगेटिव रोल से जुड़े अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैं अब अच्छे बुरे दोनों किरदार कर रहा हूं। वैसे तो अब पॉजिटिव रोल ज्यादा अच्छे लगने लगे हैं। थोड़ा मार खाने से बच जाते हैं।
संजय पांडे फिल्मों में एक्टर के हाथों पिटने को लेकर आगे कहा कि, ‘मैंने बहुत मार खाई है। 250 फिल्मों तक पीटा हूं। अब लगता है कि अब खुद न पीटे अब किसी को पीटे। या पिटते हुए देखें आंखों से। मार खाना किसको अच्छा लगता है। जब अच्छा लगा बहुत मार खाया। अब इस इंडस्ट्री में नए-नए बच्चे आ रहे हैं। अब वो मार खाएं और हम देखें उनको।’
बता दें संजय पाण्डेय आजमगढ़ के कम्हरिया गांव के रहने वाले हैं। करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने थिएटर किया और बाद फिल्मों की तरफ रुख किया। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘कहिया डोली लेके अइबा’ थी जो साल 2001 में आई थी। इस फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार आर पाण्डेय थे। यह दोनों की डेब्यू फिल्म थी। संजय पांडेय फिलहाल तेरे संग यारा की शूटिंग में व्यस्त हैं।