अक्षरा सिंह और अंजना सिंह भोजपुरी सिनेमा की शीर्ष अभिनेत्रियां हैं। इनकी लोकप्रियता भोजपुरी के स्टार हीरो पवन सिंह, खेसारी लाल यादव, दिनेश लाल यादव आदि से कम नहीं है लेकिन फीस के मामले में ये अक्सर हीरो से पीछे छूट जाती हैं। अंजना सिंह के शब्दों में कहें तो भोजपुरी सिनेमा में अभिनेता और अभिनेत्री के फीस में जमीन-आसमान का अंतर है। अक्षरा सिंह ने कम फीस के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि भोजपुरी की सभी हीरोइन इस मुद्दे पर एकजुट नहीं हो पातीं और कभी होती भी हैं एक दो तो कोई न कोई आकर बहुत ही कम पैसे में काम कर लेता है।
अक्षरा सिंह और अंजना सिंह ने इस मुद्दे पर बिहार तक से हाल ही में बातचीत की है। इस मुद्दे पर अक्षरा सिंह कहती हैं, ‘सारी हीरोइनों को मिलकर इस चीज पर सोचना चाहिए। जिस दिन ऐसा होगा चीजें सुधरेंगी लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा होने वाला नहीं है।’
फीस के मामले पर निराशावादी होने के पीछे की वजह भी अक्षरा सिंह ने बताया। उन्होंने कहा, ‘सब एक जगह होकर कुछ सोचेंगी नहीं, वरना पहले ही ये काम हो गया होता। मैंने एक चीज देखी है कि जब भी एक दो लोग मिलकर उस अमाउंट को या उस लेवल को बनाने की कोशिश करते हैं तभी कोई उनमें से ही एक आ जाता है और बहुत ही कम फीस पर काम करने लगता है।’
अंजना सिंह इस मुद्दे पर कहती हैं, ‘भोजपुरी में ही नहीं बल्कि हर इंडस्ट्री में मेल और फीमेल एक्ट्रेस की फीस में अंतर रहता है। लेकिन फीस में जो अंतर है वो कम होना चाहिए। अंतर तो इतना है, फीस में .. ज़मीन आसमान का फर्क आप बोल सकते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि मेहनत दोनों ही बराबर करते हैं।’
भोजपुरी फिल्मों में एक्ट्रेस को कम फीस देने के मुद्दे पर मशहूर अभिनेत्री आम्रपाली दुबे ने भी कई बार बात की है। उनका कहना है कि लोगों ने अपने मन में यह धारणा बना ली है कि महिलाएं कम पैसे में भी काम कर लेंगी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘ये दिक्कत मानसिकता की है। जिस काम के लिए एक पुरुष को 10 रुपए मिलते हैं, वही काम अगर औरत करे तो..आपने अपने मन में सोच लिया है कि ये तो 5 या 4रुपए में भी कर लेगी।’
उन्होंने आगे बताया था, ‘भारत में तो ये हाल है कि कोई आदमी अगर काम 10 रुपए में कर रहा है वही काम औरत 3 रुपए में कर रही है। ये मानसिकता की दिक्कत है, जिसे बदलना जरूरी है।’