खेसारी लाल यादव भोजपुरी फिल्मों के जाने माने अभिनेता और गायक हैं। खेसारी लाल की छवि एक डाउन टू अर्थ (जमीन से जुड़ा हुआ) किस्म के इंसान की है। उन्होंने बेहद ही मुश्किलों और गरीबी में अपने जीवन के शुरुआती साल गुजारे हैं। वो दूध बेचने से लेकर, दूसरों के घरों में नौकर तक बने। उन्होंने लिट्टी चोखा बेचकर पैसे जुटाए और उससे अपने गानों के एल्बम निकाले। भोजपुरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में वो बतौर गायक आए लेकिन बाद में उन्होंने फिल्मों में भी काम करना शुरू कर दिया।
कुछ समय पहले ज़ी झारखंड को उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने बताया कि उनके गायक से अभिनेता बनने में मनोज तिवारी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। खेसारी लाल ने यह इंटरव्यू तब दिया था जब वो दिल्ली में मनोज तिवारी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे। उन्होंने बताया, ‘मनोज भैया की वजह से ही हम हीरो बने हैं। हमें एक्टर बनाने में मनोज भैया का बहुत बड़ा योगदान है। नहीं तो हम भी आज एक गायक ही होते और गाकर ही अपने जीवन को चलाते। अगर हम हीरो बने तो इसमें मनोज तिवारी जी का बहुत बड़ा योगदान है। उन्हें जब भी मेरी जरूरत होती है वो फोन करते हैं और मैं आता हूं।’
खेसारी लाल ने भारत में चुनाव पर जाति के असर को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोग जाति देखकर वोट करते हैं इसलिए विकास नहीं हो पाता। वो बोले, ‘जब एक देश की बात आती है तो हमारे देश के लोग जाति की बात करते हैं, इसलिए देश का विकास नहीं होता। आठवां, दसवां पढ़ा हुआ आदमी, जिसको जन गण मन नहीं आता वो नेता बन जाता है। जिसको पढ़ने लिखने नहीं आता, वो नेता बन जाता है। वो पब्लिसिटी और जातिवाद पर अपना चुनाव चिन्ह ले लेता है।’
लालू यादव के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, ‘मैं लालू जी की राजनीति से पूरी तरह सहमत हूं, बाकी लोगों से नहीं। जब वो रेल मंत्री थे तब उन्होंने रेल मंत्रालय के लिए बहुत कुछ किया।’ खेसारी लाल ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने जीवन में गरीबी देखी है और इसलिए उन्हें गरीब लोगों का दुख पता है। उनके अनुसार, वो साल में 40 लाख तक पैसे गरीबों में बांट देते हैं। वो गरीबों के ज़रूरत की चीजें करते हैं और उनकी मजबूरियों में उनके साथ खड़े होते हैं।