भोजपुरी एक्ट्रेस अंजना सिंह आज किसी पहचान को मोहताज नहीं हैं। उनकी फिल्मों को भोजपुरी सिनेमा का दर्शक खूब प्यार देता है। अंजना सिंह उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की हैं और वहीं उनका बचपन भी बीता। अंजना सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बचपन में शिल्पी कहकर पुकारा जाता था।
यूट्यूब चैनल ‘द बायोस्कॉप’ को दिए एक इंटरव्यू में अंजना सिंह ने कहा, ‘मुझे अपने नाम से बहुत प्यार है। मेरे घर में सभी को निकनेम से बुलाया जाता था लेकिन मुझे नहीं पसंद कि कोई मुझे मेरे निकनेम से बुलाए। मेरा निकनेम शिल्पी है। अब अंजना इतना हावी हो चुका है कि सब मेरा निकनेम भूल चुके हैं।’ अंजना सिंह ने बताया कि वो बहुत अच्छी स्टूडेंट रहीं हैं। क्लास में वो हमेशा फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड तीनों में से किसी एक रैंक पर जरूर आती थीं।
उन्होंने आगे बताया, ‘क्लास में अच्छा रैंक लाने के बाद टीचर घर आकर मेरे पैरेंट्स को प्राइज और सर्टिफिकेट दे जाते थे।’ अंजना सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा उन्नाव के सरस्वती शिशु मंदिर से ली। लेकिन जब उनके पिता का ट्रांसफर बहराइच में हुआ तो उनका स्कूल भी हिंदी मीडियम से बदलकर अंग्रेज़ी मीडियम हो गया और तब मुश्किल शुरू हुईं।
उन्होंने बताया, ‘यहां हर चीज संस्कृत और हिंदी में होती थी, वहां हर चीज अंग्रेज़ी में हुई। मैं सेकेंड पास करके आई थी तो मुझे थर्ड में जाना था लेकिन मुझे केजी 2 में लिया गया। क्योंकि मुझे अंग्रेजी नहीं आती थी, संस्कृत आती थी। हिंदी और संस्कृत का टेस्ट हुआ तो टेन आउट ऑफ़ टेन, अंग्रेज़ी का हुआ तो बस ठीक ठाक नंबर आए। मुझे दो साल पीछे कर दिया गया।’
अंजना सिंह ने बताया कि जब वो छठी क्लास में थीं तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बताया, ‘पापा को हार्ट अटैक आया था, वो उनका पहला अटैक था। उनकी डैथ के बाद हमारा स्कूल भी चेंज हुआ। मेरी मम्मी को पापा वाली जॉब मिल गई जिसके बाद हमारा घर चला था। मम्मी की देखरेख में हमारी परवरिश बहुत अच्छे से हुई।’