भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (khesari lal yadav) आज किसी परिचय के मोहताज नही हैं। भोजपुरी इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में देने वाले खेसारी लाल यादव का असली नाम शत्रुघ्न कुमार यादव है। खेसारी लाल के नाम बदलने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है जिसे बहुत ही कम लोग जानते हैं। खेसारी लाल को उनका ये नाम गावं में उनके गुरु कमलाकांत मिश्र व्यास ने दिया था।
बचपन से ही खेसारी लाल को संगीत से काफी लगाव था और वो गाने और बजाने का बहुत शौक रखते थे। उनके गुरु कमलाकांत मिश्र व्यास सभी को महाभारत और रामायण गाकर सुनाते थे। व्यास जी ने खेसारी को भी अपनी टीम में शामिल कर लिया था और उन्हें झाल बजाने का काम दिया था। झाल बजाते- बजाते खेसारी यादव कोरस में भी गाने लगे थे। खेसारी अपने गुरु के काफी प्रिय थे चूकिं खेसारी लाल बहुत बोलते थे और हाजिरजवाब थे इसलिए उनके गुरु ने शत्रुघ्न कुमार यादव का नामकरण करते हुए उन्हें खेसारी यादव नाम दे दिया।
खेसारी लाल यादव का जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। रोजी-रोटी के लिए खेसारी अपने पिता के साथ चने बेचा करते थे। इसके अलावा करीब दो साल तक खेसारी लाल यादव ने लिट्ठी चोखा भी बेचा और कमाए हुए पैसों से अपने गानों की रिकॉर्डिंग कराया करते थे। बता दें कि खेसारी को पहली सफलता अपने भोजपुरी एल्बम ‘माल भेटाई मेला’ से मिली। खेसारी लाल यादव की पहली भोजपुरी फिल्म साजन चले ससुराल 2012 में आयी और इस फिल्म ने खेसारी को रातों रात सुपरस्टार बना दिया।
खेसारी लाल यादव ने 50 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों और भोजपुरी एल्बम में अभिनय के साथ साथ गाना भी गया है। जान तेरे नाम, दिल ले गई ओढनिया वाली, हवा मेरे उड़ता जाए मेरा लाल दुपट्टा मलमल का, दिल ले गई ओढनिया वाली, चरणों की सौगंध, मेहँदी लगा के रखना, साजन चले ससुराल 2 में खेसारी लाल के अभिनय को काफी सराहा गया था और उन्हें फैंस का भरपूर प्यार मिला था।