जल्द ही एडल्ट कंटेंट की भरमार वाली फिल्मों को एडल्ट सर्टिफिकेट A के बजाए AC दिया जाना शुरू हो सकता है। सिनेमेटोग्राफ एक्ट और नियमों में फेरबदल के लिए मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल की अगुआई में बनी कमेटी ने यह सिफारिश की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को 26 अप्रैल को सौंपी है। बता दें कि इस साल एक जनवरी को बनाई गई कमेटी का अध्यक्ष श्याम बेनेगल को बनाया गया है। इस कमेटी का काम फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है।
श्याम बेनेगल ने कहा, ‘एसी सर्टिफिकेट वाली फिल्में सभी के देखने के लिए प्रतिबंधित होंगी। उन्हें रिहाइशी इलाकों के करीब स्थित सिनेमाहॉल्स में दिखाने पर पाबंदी होगी। हम फिल्मकारों से उनकी फिल्म को पर्दे पर दिखाए जाने का अधिकार नहीं छीनना चाहते।’ बता दें कि एक दिन पहले ही बेनेगल ने स्पेशल स्क्रीनिंग में उड़ता पंजाब फिल्म देखी थी। उन्होंने इसे अच्छे तरीके से बनाई फिल्म करार दिया था। इस फिल्म को लेकर खासा विवाद हो चुका है। सेंसर बोर्ड की काट छांट के खिलाफ फिल्मकारों ने आवाज उठाई है।
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बेनेगल के मुताबिक, एसी सर्टिफिकेट उन फिल्मों के लिए मुफीद होगा, जिन्हें ए सर्टिफिकेट के तहत भी रखने में मुश्किल होती है। हालांकि, बेनेगल ने यह भी कहा कि एसी सर्टिफिकेट वाली फिल्मों को अधिकतर मल्टीप्लेक्स में नहीं दिखाया जा सकेगा, क्योंकि वहां परिवार आते हैं। बेनेगल के मुताबिक, एसी सर्टिफिकेट वाली फिल्मों को गैर आवासीय और रेड लाइट इलाकों में दिखाए जा सकेंगे।
क्या है कमेटी की सिफारिश
>एडल्ट फिल्मों को दो कैटेगिरी में बांटा जाए-ए और एसी।
>U/A सर्टिफिकेट में भी दो कैटेगिरी हो- U/A 12+ and U/A 15+ पहली कैटेगरी में 12 और 12 साल से ज्यादा के बच्चों को अभिभावकों की देखरेख में फिल्म देखने की इजाजत होगी। दूसरी श्रेणी के तहत 15 साल या उससे ज्यादा के लोग फिल्म को देख सकेंगे।