कोरोनावायरस महामारी के बीच एलोपैथी पर एक विवादित बयान देकर योगगुरु बाबा रामदेव चर्चा में आ गए थे। उन्होंने कहा था कि जितने लोग कोरोना से नहीं मरे उससे अधिक लोगों की मृत्यु एलोपैथी दवाइयों के सेवन से हुई है। इस बात पर काफी विवाद हुआ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उनके ऊपर कई केस दर्ज कर दिए। आईएमए के महासचिव डॉ जयेश लेले के साथ नेशनल टीवी पर हुई उनकी तीखी नोंक झोंक काफी चर्चित रही थी। बाबा रामदेव ने डॉ जयेश लेले को लेकर अब कहा है कि वो एलोपैथी के नाम पर कलंक हैं।
न्यूज 18 के डिबेट शो आर-पार में बोलते हुए रामदेव ने कहा कि डॉ लेले ने अपने ट्विटर अकाउंट से उन्हें कई मैसेज भेजे हैं। वो बोले, ‘लेले जी का कोई ट्विटर अकाउंट है, मेरे पास तो 25 उनके भेजे मैसेज हैं, कोई उन्हें पढ़ लेगा तो..वो तो एलोपैथी के नाम पर कलंक हैं बेचारे।’
रामदेव ने आगे कहा, ‘ कहते हैं कि ये अनुकूल समय है एक मजहब विशेष का संदेश घर- घर पहुंचाने का- झाड़ फूंक करके, पानी का छींटा मारकर, पाखंड अंधविश्वास करके। तो एलोपैथी को ओझापैथी बनाने पर क्यों तुले हुए हैं?’
#SuperExclusive #SwamiRamdevOnNews18
योग गुरु स्वामी रामदेव ने IMA पर बोलते हुए कहा -‘ऐलोपैथी को ओझापैथी बनाने पर क्यूं तुले हुए हैं’ @AMISHDEVGAN @yogrishiramdev #AarPaar pic.twitter.com/Lgh2D4ktG0— News18 India (@News18India) May 31, 2021
आपको बता दें कि बाबा रामदेव और डॉ लेले के बीच चल रहे विवाद के दौरान ही पतंजलि के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण ने यह कहकर विवाद को और बढ़ा दिया था कि पूरे देश को ईसाई धर्म में परिवर्तन करने के षड्यंत्र के तहत बाबा रामदेव को टारगेट करके योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
बाबा रामदेव ने इस मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘डॉक्टर लेले के इतने वीडियो वायरल हो रखे हैं कि इसके ऊपर कोर्ट ने समन तक भेज दिया है कि आप एक डॉक्टर होकर लोगों को कंवर्जन के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकते हो। स्वामी रामदेव ने किसी का मजहब नहीं बदला, मैंने लोगों का जीवन बदला है।’
वहीं डिबेट शो के दौरान बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि देश के करीब 90 प्रतिशत अच्छे डॉक्टर्स का वो सम्मान करते हैं जो प्रमाणिक हैं और अपने पूर्वजों की ज्ञान परंपरा का सम्मान करते हुए योग करते हैं।