Aayushmann Khurrana: बॉलीवुड में कैंसर से जंग लड़ने वालों की एक लंबी फेहरिस्त है। राकेश रोशन, मनीषा कोइराला, लीसा रे, नर्गिस, और सोनाली बेंद्रे। इसमें अब एक और नाम जुड़ गया है ताहिरा कश्यप का। ताहिरा मशहूर एक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी हैं। ताहिरा अपने इलाज की सारी गतिविधियों को अपने सोशल अकाउंट पर शेयर करतीं रहीं हैं। कैंसर के दर्दभरे ट्रीटमेंट को लेकर उनकी हिम्मत की काफी लोगों ने सरहाना भी की। हाल ही में नवभारत टाइम्स को दिए साक्षात्कार में ताहिरा ने अपने इस मर्ज को लेकर काफी कुछ कहा। ताहिरा ने कहा, ‘जिस दिन कैंसर का पता चला उस दिन बस हंसे जा रही थीं। पति शॉक्ड थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब कैसे हो गया। वो आगे कहती हैं, अगर यह मेरे साथ तीन-चार साल पहले होता तो मैं हिम्मत नहीं दिखा पाती। काफी निगेटिव हो जाती।’
ताहिरा अपने इस हिम्मत के पीछे की वजह को बुद्धिज्म को बताती हैं। वह बुद्धिज्म को फॉलो करती हैं। हालांकि ताहिरा ने ऐसा भी बताया कि, ‘एक समय ऐसा आया जब में रोने लगी। बतौर ताहिरा, जब डॉक्टर ने बताया कि मेरा ब्रेस्ट निकालना पड़ेगा, जिसे वह मेरी पीठ के टिश्यूज से दोबारा कंस्ट्रक्ट कर देंगे, तब मेरी आंखों में आंसू आ गए, लेकिन मेरे पति ने कहा कि पागल हो? जब कैंसर का पता चला तब तो हंस रही थी, अब जब उसे निकाल रहे हैं तो रो रही हो। तब मुझे भी लगा कि हां, इसमें रोने की क्या बात है।’
सोशल मीडिया पर अपनी बीमारी को लेकर तस्वीरें शेयर करने की वजह को बताते हुए उन्होंन कहा, ‘एक पार्टनर के तौर पर आयुष्मान बहुत ज्यादा मदद करने वाले इंसान हैं। अगर वह ऐसा नहीं करते तो शायद मैं भी दुखी महसूस करती। ऐसे में आपको अपने परिवार से बहुत सपोर्ट चाहिए होता है। इसलिए, मैंने इस बारे में सोशल मीडिया में लिखा, क्योंकि मैं बताना चाहती थी कि जितने कपल हैं, पति हैं, उन्हें मददगार होना चाहिए।’
ताहिरा ने कैंसर के पता चलने के बाद भी अपने काम से कभी भी छुट्टी नहीं ली बल्कि परिवार, बच्चे और ऑफिस सारी चीजों को अच्छे ढंग से मैनेज करती रहीं। ताहिरा कहती हैं, ‘कैंसर के दौरान महिलाएं जॉब्स छोड़ देती हैं, जीना ही छोड़ देती हैं, पर क्यों? मैंने इस दौरान कभी छुट्टी नहीं ली। मैं रोज ऑफिस जाती थी, काम करती थी। औरतों को यह नहीं सोचना चाहिए कि यह हो गया तो जिंदगी खत्म हो गई। मुझे ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुक करना है, मुझे यह मेसेज देना है कि खुद से प्यार करो।’
