दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने दशहरा के दिन बौद्ध धर्म दीक्षा समारोह में शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम मिशन जय भीम और बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित किया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ ली और यह शपथ राजेंद्र पाल गौतम द्वारा दिलाई गई थी।

मंच पर खड़े होकर राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि हम हिंदू देवी देवताओं की पूजा नहीं करेंगे और ना ही उन्हें ईश्वर मानेंगे और उनकी इन बातों को कार्यक्रम में शामिल हुए हजारों की संख्या में लोगों ने दोहराया था। इस कार्यक्रम के बाद इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद कई लोगों ने इसको लेकर सवाल उठाए। वहीं बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा दिया। अब इस पूरे मामले पर अरुण गोविल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं- अरुण

अरुण गोविल ने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि पिछले दिनों जो शपथ समारोह हुआ अगर हम उसे शपथ कांड कहें तो ज्यादा बेहतर होगा। इस घटना ने मुझे ये कहने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर श्रीराम-कृष्ण की धरती पर ये हो क्या रहा है। शपथ दिलाई जा रही है कि हम ब्राह्म, विष्ण, महेश, हनुमान और राम को नहीं मानेंगे। मां दुर्गा, सरस्वती, काली की पूजा नहीं करेंगे। जो लोग शपथ दिला रहे हैं, वो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन जो लोग शपथ ले रहे हैं वो यह क्यों नहीं सोचते कि वो क्यों ऐसा कर रहे हैं? इसका हर किसी को विरोध करना चाहिए।

यहां देखें अरुण गोविल का वीडियो

ये समाज के लिए घातक है

आगे अरुण गोविल कहते हैं कि सनातन धर्म की कोई भी व्यवस्था ना किसी व्यक्ति के विरुद्ध है, ना किसी जाति के विरुद्ध है और ना ही किसी सम्प्रदाय के विरुद्ध है जो भी लोग भगवान राम का विरोध कर रहे हैं, वो नहीं जानते कि राम कौन हैं। जाति-धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया। ना ही उन्हें कभी सत्ता की लालसा रही। ये इन्हें जानना चाहिए। जिन श्रीराम का नाम लेकर जाति पाती का ये जहर बोया जा रहा है। उन्ही राम ने कैसे समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को एक समान माना। ये भी इन्हें मानना चाहिए।

आगे अरुण ने कृष्ण का जिक्र करते हुए कहा कि जिस भागवत गीता की कसम खाई जाती है, उसी गीता का उपदेश देने वाले का अपमान करके शपथ लेना बहुत घातक है। कृष्ण का विरोध करने वालों को एक बार भगवद गीता पढ़नी चाहिए। ताकि उन्हें पता चला कि ये वो धरती पर सिर्फ मानवता के लिये आये थे।